हाईकोर्ट का आदेश- मानसिक रुप से कमजोर बच्चे के पासपोर्ट के लिए घर जाएं अधिकारी

हाईकोर्ट का आदेश- मानसिक रुप से कमजोर बच्चे के पासपोर्ट के लिए घर जाएं अधिकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-28 14:30 GMT
हाईकोर्ट का आदेश- मानसिक रुप से कमजोर बच्चे के पासपोर्ट के लिए घर जाएं अधिकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पासपोर्ट कार्यालय को निर्देश दिया है कि वह अमेरिकी महिला नागरिक द्वारा गोद लिए हुए 12 साल के मानसिक रुप से कमजोर बच्चे के पासपोर्ट बनाने से जुड़ी औपचारिकता को उसके घर जाकर पूरा करे। जस्टिस गौतम पटेल ने 59 वर्षीय अमेरिकी महिला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।

महिला ने दावा किया था कि बच्चे के लिए पासपोर्ट कार्यालय आ पाना संभव नहीं है। क्योंकि बच्चा वहां सहज नहीं महसूस करेगा। सेंट्रल एडॉप्सन रिसोर्स एजेंसी (कारा) के नियमों के मुताबिक यदि कोई विदेशी भारत में बच्चे को गोद लेना चाहता है तो इसके लिए उसे अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। 

बच्चे के लिए पासपोर्ट कार्यालय में जा पाना संभव नहीं
जस्टिस पटेल ने गोद लेने की प्रक्रिया को मंजूरी देते हुए कहा कि बच्चे के लिए पासपोर्ट कार्यालय में जा पाना संभव नहीं है। इसलिए पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी ठाणे में रह रहे बच्चे के घर जाकर उसके पासपोर्ट बनाने से जुड़ी औपचारिकता को पूरा करें। वर्तमान में बच्चा अमेरिकी महिला के साथ रह रहा है जो ऑटिस्टिक बच्चों के प्रति जागरुकता फैलाने की दिशा में काम कर रही है।

गौरतलब है कि महिला ने जिस बच्चे को गोद लिया है उसे अस्पताल में अनाथ पाया गया था। इसके बाद अस्पताल ने पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। बच्चे के माता-पिता के न मिलने के चलते पुलिस ने बच्चे को एक गैर सरकारी संस्था को बच्चे को सौप दिया था। जहां से महिला ने बच्चे को गोद लिया है। 
 

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