हाईकोर्ट ने NHAI से पूछा- इतना स्लो क्यों है मुंबई-गोवा महामार्ग की मरम्मत का काम
हाईकोर्ट ने NHAI से पूछा- इतना स्लो क्यों है मुंबई-गोवा महामार्ग की मरम्मत का काम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व नेशनल हाइवे एथारिटी (NHAI) से पूछा है कि मुंबई-गोवा महामार्ग के मरम्मत व सड़क चौड़ीकरण का काम की धीमी गति से क्यों हो रहा है। कोर्ट ने सरकार व एनएचआई को अगली सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या यहां पर जारी काम की गुणवत्ता को परखने व नजर रखने के लिए किसी विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि यह महामार्ग लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है लेकिन इस समय यह सबसे ज्यादा उपेक्षित है। खंडपीठ ने कहा कि सरकार हमारे सामने महामार्ग के मरम्मत व सड़क चौड़ीकरण को लेकर जारी किए गए ठेके व निर्माण कार्य की लागत से जुड़े सारे मौलिक दस्तावेज हमारे सामने पेश करे। महामार्ग में सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी भी हलफनामे में हमे दी जाए।
खंडपीठ के सामने पेशे से वकील ओवेसी पेचकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुंबई-गोवा महामार्ग में बड़े पैमाने पर गड्ढे होने का दावा किया गया है। याचिका में कहा गया है कि महामार्ग के चौड़ीकरण का काम साल 2011 में शुरु किया गया था लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है। इस पर NHAI की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि उसके दायरे में मुंबई-गोवा महामार्ग का शुरुआती 84 किमी का दायरा आता है हमने 2011 में काम की शुरुआत की थी अब तक 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष काम जून 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं सहायक सरकारी वकील निशा मेहरा ने कहा कि राज्य सरकार अपने हिस्से के 470 किमी सड़क का काम 2020 तक पूरा कर लेगी।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि एनएचआई सिर्फ 84 किमी के छोटे हिस्से पर काम कर रही है लेकिन पिछले आठ सालों में वह सिर्फ 70 प्रतिशत काम को पूरा कर पायी। इस लिहाजा से ऐसा प्रतीत होता है कि या तो राज्य सरकरा बहुत महत्वकांक्षी है अथवा एनएचआई जिस ठेकेदार को काम दिया है वह काम को करने में सक्षम नहीं है। आखिर काम की धीमी रफ्तार की वजह क्या है। इस बीच खंडपीठ ने महाड में ब्रिटिशकालीन ब्रीज के गिरने के बाद सरकार ने कितने पुराने ब्रिजो का आडिट किया है इसकी जानकारी भी हमारे सामने रखी जाए। खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा है कि पिछले 6 महीनों में मुंबई-गोवा महामार्ग में कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई है। खंडपीठ ने कहा कि यहां हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए ही संभवतह केंद्र सरकार ने महामार्ग के चौडीकरण प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक सहयोग देने की दिशा में कदम उठाया है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।