नाबालिगों से रेप मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- आखिर पुलिस कब बनेगी संवेदनशील?

नाबालिगों से रेप मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- आखिर पुलिस कब बनेगी संवेदनशील?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-01 15:20 GMT
नाबालिगों से रेप मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा- आखिर पुलिस कब बनेगी संवेदनशील?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिगों के साथ रेप की घटनाएं भले ही जांच एजेंसियों के लिए आम हो सकती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं व्याकुल करती हैं। हाईकोर्ट ने यह बात एक नाबालिग के साथ यौन शोषण के मामले में पुलिस की ओर से गभीरता न दिखाए जाने पर कही। इस मामले में एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ रेप किया गया था। 

पुलिस कब होगी गंभीर?
जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस भारती डागरे की खंडपीठ ने कहा कि आखिर पुलिस कब ऐसे मामलों को लेकर गंभीर और संवेदनशील होगी। कोर्ट हीं चाहता हैं कि भविष्य में कोई और नाबालिग लड़की किसी शोषण का शिकार हो। जब कोई नाबालिग लड़की का अपहरण होता है, तो उसे बेहद अमानवीय स्थिति का सामना करना पड़ता है। जांच एजेंसियों के लिए नाबालिगों के प्रताड़ना की घटनाएं आम हो सकती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं कोर्ट को व्याकुल करती हैं।

मामले में पुलिस ने जांच में गंभीरता क्यों नहीं दिखाई ?
खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट पेक्षा करता है कि वरिष्ठ अधिकारी इस बात का पता लगाएंगे कि मौजूदा मामले में पुलिस ने जांच में गंभीरता क्यों नहीं दिखाई और कैसे इतने गंभीर मामले के आरोपी को जमानत मिल गई। खंडपीठ ने कहा कि हम आशा करते हैं कि वरिष्ठ अधिकारी इस प्रकरण को लेकर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और संबंधित पुलिस उपायुक्त खुद इस मामले की जांच पर नजर रखेंगे। 

आरोपी की जमानत के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि हमने आरोपी की जमानत के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की है। इसके साथ ही लड़की की मां का बयान भी दर्ज किया है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है और अगली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील को हलफनामा दायर करने को कहा है। गौरतलब है कि पुलिस द्वारा जांच में गंभीरता न दिखाने को लेकर पीड़ित 16 वर्षीय लड़की की मां फरजाना शाह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। 

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