निचली अदालतों में मुकदमों की सुनवाई पर रोक, सुनी जाएंगी सिर्फ जमानत अर्जियां
निचली अदालतों में मुकदमों की सुनवाई पर रोक, सुनी जाएंगी सिर्फ जमानत अर्जियां
हाईकोर्ट ने जारी की पांचवी एडवायजरी, विचाराधीन बंदियों को पेश करने पर लगाई रोक
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए उच्च न्यायालय प्रशासन ने मंगलवार की देर शाम को पांचवी एडवायजरी जारी की है। इसके तहत निचली अदालतों में लंबित मुकदमों की सुनवाई पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी गई है। 31 मार्च तक सिर्फ जमानत अर्जियों, और अर्जेन्स्ट स्टे व निषेधाज्ञा से संबंधित मामलों पर ही सुनवाई की जाएगी। निचली अदालतों में मुकदमों के निराकरण से संंबंधित यूनिट क्राईटेरिया को 16 से 31 मार्च तक के लिए स्थगित किया गया है।
रजिस्ट्रार जनरल राजेन्द्र कुमार वाणी द्वारा जारी आदेश के अनुसार 31 मार्च तक जेल से किसी भी विचाराधीन बंदी को कोर्ट में पेश नहीं किया जाएगा। यदि ऐसे बंदियों की उपस्थिति जरूरी हो, तो फिर वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा का इस्तेमाल करने की बात आदेश में कही गई है।
रिमांड से संबंधित जिन मामलों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग से संभव न हो, उनके लिए संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेटों को जेल में भेजा जाए। सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश तत्काल जिला प्रशासन, स्वास्थ्य अधिकारियों, बार एसोसिएशनों से तत्काल समन्वय बनाकर कोर्ट परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। इसी तरह निचली अदालतों में बायो मेट्रिक अटेण्डेंस के जरिए हाजिरी को 31 मार्च तक के लिए बंद रखा जाए। साथ ही सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले सुरक्षात्मक कदमों का अक्षरश: पालन भी किया जाए।