कोर्ट काम्प्लेक्स को लेकर स्पष्ट जानकारी न देने से हाईकोर्ट नाराज, मांगी पूरी जानकारी
कोर्ट काम्प्लेक्स को लेकर स्पष्ट जानकारी न देने से हाईकोर्ट नाराज, मांगी पूरी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के मुंबई में बनने वाले कोर्ट काम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर स्पष्ट जानकारी न देने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। मामले को लेकर सरकार के अस्पष्ट हलफनामे पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि हमने सरकार से स्पष्ट जानकारी मांगी थी कि कोर्ट के नए काम्प्लेक्स का निर्माण कब तक होगा? उसके निर्माण का स्वरुप क्या होगा? पार्किंग के लिए कितनी जगह होगी? वकीलों के चेंबर के लिए कितनी जगह दी जाएगी?
सरकार के हलफनामे में इन तमाम पहलूओं को लेकर जानकारी न होने की वजह से खिन्न जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का आदेश जारी करने की बात कही। बेंच ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार 6.2 हेक्टर जमीन में हाईकोर्ट के लिए एक बहुमंजिला गगनचुंबी इमारत खड़ी करना चाहती है, पर उसका ब्यौरा नहीं दे रही है कि 6.2 हेक्टर जमीन में कितनी जगह खुली रखी जाएगी। कितने में निर्माण कार्य होगा और कितनी जगह पार्किंग के लिए रखी जाएगी? बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट प्रशासन अगली सुनवाई के दौरान हमें यह भी बताए कि लखनऊ व कर्नाटक में हाईकोर्ट के निर्माण के लिए दी गई कितनी जगह दी गई है।
मामले को लेकर बेंच के कड़े रुख को देखते हुए अतिरिक्त सरकारी वकील गीता शास्त्री ने कहा कि हम इस प्रकरण को लेकर दायर हलफनामे को वापस लेते हैं। इसके बाद बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है।
गौरतलब है कि महानगर के पश्चिमी उपनगर बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स में बनने वाले कोर्ट काम्प्लेक्स में बांबे हाईकोर्ट को स्थलांतरित किया जाना है। पेश से वकील अहमद आब्दी ने इसको लेकर जनहित याचिका दाखिल की है।