दिव्यांगो के लिए कॉलेज शुरु करने से जुड़े प्रस्ताव पर उदारतापूर्वक हो विचार-हाईकोर्ट

दिव्यांगो के लिए कॉलेज शुरु करने से जुड़े प्रस्ताव पर उदारतापूर्वक हो विचार-हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-14 15:13 GMT
दिव्यांगो के लिए कॉलेज शुरु करने से जुड़े प्रस्ताव पर उदारतापूर्वक हो विचार-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसके तहत सरकार ने एक ट्रस्ट को सुुनने व वाणी की विकलांगता से ग्रस्त दिव्यांग बच्चों के लिए कालेज खोलने की अनुमति मांगी थी। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने सरकार के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के बच्चों के लिए कॉलेज शुरु करने से जुड़े प्रस्ताव पर गंभीरता से व उदारतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए। 

पुणे के सदगुरु साईबाबा सेवा ट्रस्ट ने कालेज शुरु करने की अनुमति के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था।। जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था। सरकार ने ट्रस्ट के प्रस्ताव को इस आधार पर निरस्त कर दिया था क्योंकि वह पांच साल के लिए सात लाख रुपए फिक्स डिपॉजिट के रुप में जमा करने में स‌फल नहीं हुआ था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजेकर ने कहा कि ट्रस्ट ने दो साल तक सात लाख रुपए फिक्स डिपॉजिट में रखे थे लेकिन आगे वह यह रकम फिक्स डिपॉजिट में नहीं रखा सका। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल वाणी की विकलांगता से ग्रस्त बच्चों के लिए राज्य में पहला कॉलेज बना रहे है। इस बात को जानने के बाद बेंच ने कहा कि सरकार को इस तरह के कॉलेज खोलने से जुड़े प्रस्ताव पर उदारतापूर्वक विचार करना चाहिए। यह कहते हुए बेंच ने सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और ट्रस्ट के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया। 

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