गहरानाला पुल... ६ साल गुजरे नहीं हो सका दोबारा निर्माण, पीयर खड़े हुए, गर्डर लांचिंग शेष

छिंदवाड़ा गहरानाला पुल... ६ साल गुजरे नहीं हो सका दोबारा निर्माण, पीयर खड़े हुए, गर्डर लांचिंग शेष

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-12 09:40 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। नेशनल हाइवे ५४७ छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग पर रामाकोना के पास गहरानाला पुल के ढहने के बाद दोबारा निर्माण में एनएचएआई ६ साल का वक्त गुजार चुकी है। बमुश्किल दोनों ओर पीयर खड़े हो पाए हैं। जबकि गर्डर लांचिंग अब भी शेष है। पुल का निर्माण पूरा होने अभी दो माह का समय और लग सकता है। खुद एनएचएआई के अधिकारी आने वाले बारिश के सीजन के पहले पुल का निर्माण पूरा होने की बात कह रहे हैं। हालांकि वे मई तक गर्डर लांचिंग और स्लैब का काम होने के बाद पुल पर से आवागमन शुरू होने की बात कह रहे हैं। इधर डायवर्ट मार्ग के बुरे हाल से आवागमन जोखिम भरा हो गया है।
जोखिम...डायवर्ट रोड उधड़ चुकी, गुजरना कठिन
गहरानाला पुल के धंसने के साथ ही बाजू से नाले में पाइप डालकर डायवर्ट रोड बनाया गया था। ६ साल में दो बार डायवर्ट रोड बनाया गया। हर बारिश में रोड उधड़ जाता है। पिछली बारिश के बाद से रोड उधड़ा हुआ है। मरम्मत नहीं कराई गई है। बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से यहां से गुजरना जोखिम भरा हो गया है। बमुश्किल यहां से छोटे-बड़े वाहन निकल पा रहे हैं। खुटांबा निवासी पूनाराम यादव, पिपला कन्हान के बाबाराव यादव का कहना है कि डायवर्ट मार्ग में हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं...
कब धंसा था पुल:
गहरानाला पुल २२ अप्रैल २०१६ को धंस गया था।  निर्माण के बाद दूसरी बारिश में ही पुल के धंसने की स्थिति बन गई थी। तब से आवागमन डायवर्ट रोड से हो रहा है।
क्यों हुई देरी: गहरानाला का बारिश के दिनों में पानी के फ्लो का आंकलन नहीं हो पा रहा था। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की मदद ली गई। जिसमें करीब दो साल का वक्त गुजर गया।
निर्माण धीमा: पुल की ड्राइंग-डिजाइन तय करने में आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की मदद के बावजूद एनएचएआई को पाइल तैयार में पसीना छूट गया। बमुश्किल पाइलिंग कर पीयर खड़े हो पाए।
अब कैसा होगा पुल: नई डिजाइन में पुल की लंबाई बढ़ाकर दो गुना तक कर दी गई है। पहले पुल की लंबाई २४ मीटर थी। जिसे बढ़ाकर अब ५० मीटर किया जा रहा है। जबकि चौड़ाई पूर्व की तरह यथावत रहेगी।
अभी कितना हुआ काम:
दोनों ओर व बीच में पीयर खड़े हो गए हैं। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक एप्रोच का काम भी हो गया है। गर्डर लांचिंग और स्लैब का काम शेष रह गया है।
अभी दिक्कत: बमुश्किल खड़े हो पाए पीयर के बाद अब गर्डर लांचिंग होना है। जिसके लिए डेढ़-डेढ़ सौ टन क्षमता की के्रन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। क्रेन बाहर से मंगवाने की तैयारी है।
इनका कहना है...
पीयर का काम पूरा हो गया है। गर्डर लांचिंग की तैयारी है। इसके बाद स्लैब का काम होते ही मई तक पुल का निर्माण कंपलिट हो जाएगा। अप्रैल में ही ट्रेफिक चालू करने के प्रयास हैं। डायवर्ट रोड को भी दोबारा डामरीकरण के लिए ठेकेदार को कहा गया है।
 

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