85 करोड़ की लागत से शुरू होगी कचरा प्रसंस्करण परियोजना, रोजाना 30 टन खाद बनेगी
85 करोड़ की लागत से शुरू होगी कचरा प्रसंस्करण परियोजना, रोजाना 30 टन खाद बनेगी
छतरपुर होगा परियोजना का मुख्य केंद्र 6चार जिले छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी के 33 नगरीय निकायों को मिलाकर तैयार किया गया है क्लस्टर, हर जिले में अलग यूनिट लगेगी
डिजिटल डेस्क छतरपुर । नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने चार जिलों छतरपुर, टीकमगढ़ पन्ना व निवाड़ी के लिए लगभग 85 करोड़ रुपए की लागत से कचरा प्रसंस्करण व निपटान की एक परियोजना को मंजूर किया है, जो स्वीकृति व क्रियान्वयन के अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रति दिन लगभग 200 टन कचरा प्रसंस्करण कर निपटान करने का लक्ष्य है। कचरे से कम्पोस्ट खाद, सूखे ईंधन के ब्रिकेट (ईंट) बनाए जाना है, साथ ही सूखे कचरे को गड्ढे भरे जाने के योग्य बनाना है। इसके लिए रॉल्ज इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एग्रीमेंट हुआ है। परियोजना के क्रियान्वयन व आपरेटिंग पर निगरानी के लिए स्वतंत्र इंजीनियर एजेंसी के लिए टेंडर लगाए गए हैं। रॉल्ज इंडिया के मैनेजर राम शर्मा के अनुसार कोरोना के कारण परियोजना में देरी हो रही है। लगभग 4-6 महीने में काम चालू हो जाने की उम्मीद है। चारों जिलों में यूनिट लगाने का काम गति पर है। कई जगह की पर्यावरण स्वीकृति हो गई है व बाकी स्वीकृतियां, भूमि सर्वे का काम प्रगति पर है। प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल में जमा करा दी गई है। परियोजना शुरू होने से ग्रीन छतरपुर, क्लीन छतरपुर मिशन का सपना सार्थक होने की दिशा में प्रगति आएगी।
क्या है परियोजना
शहरी ठोस कचरे को एकत्र कर कचरे का प्रसंस्करण करके निपटान किया जाना है। कचरे से कम्पोस्ट खाद, सूखे ईधन की ईंटे बनाई जाएंगी व सूखे कचरे को कम्प्रेस करके गड्ढे भरने के काम मेें लाया जाएगा। इन ब्रिकेट्स को भी कंपनी विक्रय करेगी। इसके तहत चार जिलों छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और निवाड़ी के 33 नगरीय निकायों के लगभग 200 टन कचरे का प्रतिदिन प्रसंस्कण कर निपटान किया जाना है। परियोजना का प्रमुख केन्द्र छतरपुर होगा। हर जिले में अलग-अलग यूनिट लगाई जाएगी।
भूमि आवंटित, जल्दी होगा निर्माण
तहसील क्षेत्र के पटवारी हल्का नंबर 38 के खसरा क्रमांक 3657 एवं 3659 के 31.362 हैक्टेयर लगभग 77.50 एकड़ रकबे पर कचरा प्लांट काम करेगा। यह जमीन छत्रसाल नगर के पीछे वर्तमान में कचरा प्रसंस्करण केंद्र के पास ही है। इसके लिए पर्यावरण विभाग से स्वीकृति मिल गई है, जिसके अनुसार लगभग 90 टन कचरा प्रतिदिन प्रसंस्करण की क्षमता दिखाई गई है। इस प्रसंस्करण के कचरे के निपटान से प्रतिदिन 30 टन कम्पोस्ट खाद, प्रतिदिन 30 टन सूखा ईधन व रोजाना 30 टन भूमि भराव का मटेरियल प्राप्त होने का लक्ष्य बताया गया है।
स्वतंत्र एजेंसी करेगी प्रोजेक्ट की निगरानी
व्मिली जानकारी के अनुसार परियोजना की निगरानी के लिए स्वतंत्र इंजीनियर एजेंसी को हायर करने के टेंडर निकाले गए हैं। छतरपुर क्लस्टर के लिए 5 एजेंसियों ने टेंडर जमा कराए हैं। जिसका निर्धारण भोपाल से होना है। जिस एजेंसी को निगरानी का टेंडर होगा वह शहर के कचरे की मात्रा, आंकलन, संग्रहण व संवर्धन करने की निगरानी करेगी। निर्धारित स्थान पर कचरा न डालने पर जुर्माना करने की भी व्यवस्था किया जाना बताया जा रहा है। स्वीकृति व क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। परियोजना का डीपीआर भोपाल में जमा करा दिया है। कोरोना के कारण परियोजना प्रारंभ होने में समय लग रहा है। उम्मीद है आगामी 4-5 महीनों में परियोजना काम करना शुरू कर देगी।
श्रीराम शर्मा, रॉल्ज इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्रालि
टेंडर होने का इंतजार है
व्परियोजना की डीपीआर रिपोर्ट भोपाल से आने व निगरानी के लिए स्वतंत्र इंजीनियर एजेंसी का टेंडर स्वीकृत होने के बाद गति आएगी। परियोजना से ग्रीन छतरपुर,क्लीन छतरपुर मिशन का सपना सार्थक होगा।
अंकित अरजरिया, प्रभारी सब इंजीनियर नपा छतरपुर
राशि जमा करने के बाद देंगे वर्क ऑर्डर
व्रॉल्ज इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट प्रायवेट लिमिटेड को प्रोजेक्ट की परफार्मेंस गारंटी दो माह के अंदर चार करोड़ अठारह लाख रुपए जमा कराने थे जो आज तक जमा नहीं हुआ है। इसलिए कंपनी को वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया है। बुधवार को फि र से रॉल्स इंडिया को इस संबंध में 15 दिन के अंदर राशि जमा कराने का पत्र लिखा गया है।
- ओपीएस भदौरिया, सीएमओ नपा छतरपुर