बांधवगढ़ में चार माह के बाघ शावक की मौत, 18 दिन में मर चुके हैं पांच
बांधवगढ़ में चार माह के बाघ शावक की मौत, 18 दिन में मर चुके हैं पांच
डिजिटल डेस्क, उमरिया। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में शुक्रवार शाम मगधी रेंज की बाघिन टी-5 के चार माह के शावक की मौत हो गई। नर शावक छह दिन पहले 11 जुलाई को गश्ती दल के भ्रमण पर लोकेट हुआ था। काफी भूखे व अस्वस्थ्य लगने पर पार्क प्रबंधन बहेरहा इंक्लोजर में रखकर इसकी देखरेख कर रहा था। इसी बीच गुरुवार को शावक ने मांस खाना बंद कर दिया।
हो गया था बीमार
शुक्रवार शाम खबर आई कि वह बिल्कुल भी मूवमेंट नहीं कर रहा। शाम को जैसे ही पार्क डायरेक्टर विंसेट रहीम, डॉक्टर नितिन गुप्ता व टीम के साथ पहुंचे तो शावक की मौत हो चुकी थी। शावक की मौत के साथ बांधवगढ़ में दो बाघिन व दो शावक के साथ चौथी मौत है। घुनघुटी सामान्य वन मण्डल में नर शावक सहित उमरिया जिले में पांच बाघों की मौत 29 जुलाई से 18 दिन के भीतर हो चुकी है। शनिवार सुबह शव परीक्षण कर सैम्पल जांच के लिए सुरक्षित रख लिए गए हैं।
बाघिन ने तीन शावको को जन्मा था
बांधवगढ़ डायरेक्टर विंसेट रहीम का कहना प्रथम दृष्टया शावक काफी भूखा व बीमार हालत में मिला था। मौत से एक दिन पहले उसने खाना छोड़ दिया था। शाम को मृत्यु की पुष्टि होने पर सुबह पीएम कर सैम्पल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। यह शावक मगधी रेंज की बाघिन टी-5 का था। बाघिन ने दो तीन शावको को जन्मा था इनमे दो स्वस्थ्य हाल में मां के साथ मूवमेंट करते देखे जा रहे हैं। बाघिन टी-5 इस कमजोर बच्चे को पहले ही छोड़ चुकी थी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह शावक जन्म के साथ ही कमजोर रहा होगा जो चार माह में भी तंदुरूश्त नहीं हो पाया था। जानाकारों के अनुसार बिल्ली प्रजाति की मादाएं कभी कभी इस तरह के कमजोर शावकों को स्वत: ही छोड़ देती हैं । माना जाता है कि जंगल में खुद का जीवित रखने योग्य स्वस्थ्य शावकों पर ही मादाएं ज्यादा ध्यान देती हैं