सागर में 7 घंटे तक इलाज के लिए जूझते रहे पूर्व अध्यक्ष, बेटे की मांग-दोषियों पर केस दर्ज हो

सागर में 7 घंटे तक इलाज के लिए जूझते रहे पूर्व अध्यक्ष, बेटे की मांग-दोषियों पर केस दर्ज हो

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-07 09:22 GMT
सागर में 7 घंटे तक इलाज के लिए जूझते रहे पूर्व अध्यक्ष, बेटे की मांग-दोषियों पर केस दर्ज हो

उधर मृत गल्ला व्यापारी के परिजनों ने सागर में अंतिम संस्कार से पहले  चेहरा देखने तक के लिए रुपए लेने का आरोप लगाए
डिजिटल डेस्क छतरपुर ।
बीएमसी सागर में गुरुवार को हुईं जिले के 3 संक्रमितों की मौतों के पीछे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। अधिवक्ता संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा की मौत के बाद आई दूसरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव रिपोर्ट से हड़कंप मचा हुआ है। मृतक के पुत्र राजवर्धन मिश्रा ने आरोप लगाया है कि  पिता की मौत कोरोना से नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग की भर्राशाही और प्रशासन की लचर कार्यशैली से हुई है। इस संबंध में उन्होंने आईसोलेशन वार्ड से वीडियो जारी करके घटनाक्रम से जुड़ी बातें बताई, इनसे साफ जाहिर है कि कोरोना संक्रमितों का समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल प्रबंधन बीएमसी रैफर करके अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है। इस संबंध में अधिवक्ता संघ ने भी अपने तेवर मुखर कर लिए हैं। जिला अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरु करके आपराधिक प्रकरण दर्ज करने मांग की है। वहीं वॉयरोलॉजी लैब के स्टॉफ पर भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच की मांग की जा रही है। 
पुत्र का आरोप : पंखे की हवा को तरसे पिता, नहीं मिला इलाज 
मृतक अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष के बेटे राजवर्धन मिश्रा ने आरोप लगाया कि बुधवार की दोपहर 3 बजे पिताजी को जिला अस्पताल वायरल फीवर होने पर इलाज के लिए लेकर आए थे। जहां से उन्हें निमोनिया वार्ड में भर्ती कराकर सैंपल लिया गया था। पूरे दिन डॉक्टरों ने पिताजी को कोई इलाज नहीं दिया और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर रात 10 बजे बीएमसी सागर रैफर कर दिया। जहां सुबह 3 बजे के लगभग मैं पिताजी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचा, पिताजी स्वयं व्हीलचेयर पर बैठकर अंदर भर्ती हो गए। मुझे डॉक्टरों ने बाहर रहने का बोलकर रोक दिया, तब मैं उनसे सुबह 10 बजे तक फोन पर जुड़ा रहा। उन्होंने फोन पर बताया कि वार्ड में पंखा नहीं चल रहा है और उन्हें किसी तरह का कोई इलाज नहीं दिया गया है और बहुत ज्यादा घबराहट हो रही है। तब मैंने डॉक्टरों से अंदर जाने की परमीशन मांगी। लेकिन उन्होंने मुझे अंदर नहीं जाने दिया। सुबह 11 बजे उनके मौत की खबर मुझे डॉक्टरों ने दी। इसके बाद उनका टेस्ट लिया गया, जिसकी शुक्रवार को रिपोर्ट निगेटिव आई। मृतक के पुत्र ने बताया कि परिजनों को मरीज के साथ नहीं रखने के कारण कोरोना से ज्यादा मौतें हो रही है, मरीजों के इलाज में लापरवाही की जा रही है। 
बीएमसी में मृत गल्ला व्यापारी का चेहरा देखने के वसूले रुपए 
बीएमसी सागर में एक और शर्मनाक हरकत मृत गल्ला व्यवसायी के परिजनों के साथ हुई। सटई रोड निवासी गल्ला व्यापारी विनोद अग्रवाल की मौत भी गुरुवार को हुई थी। इनके परिजनों ने बताया कि स्व. अग्रवाल की मृत्यु के बाद उनसे कर्मचारियों ने मुक्तिधाम में पार्थिव देह देखने की एवज में 500 रुपए वसूले। अंतिम संस्कार की पीपीई किट के एवज में भी 800 रुपए लिए। देह को मर्चुरी से बाहर देने के लिए 200 रुपए लिए। वहीं अंतिम संस्कार की एवज में निगम के लड़कों ने भी 500 रुपए वसूले। इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए डीजल का इस्तेमाल किया। उसके 300 रुपए भी उनसे वसूले गए। मौत के बाद शव को देखने और अंत्येष्टि  में शामिल होने के लिए स्टॉफ ने उनसे रुपए वसूले। 
व्पैसे मांगने की शिकायत में निगम कर्मियों की भूमिका हो सकती है। उन्हें बताना चाहिए। रिपोर्ट के मामले में ट्रू नॉट की तुलना में आईसीटीएमआर मशीन विश्वसनीय है।
-डॉ. जीएस पटेल डीन, बीएमसी, सागर
 

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