50 गांवों में मंडी की सुविधा नहीं, किसान औने-पौने दाम में बेच रहे फसल

50 गांवों में मंडी की सुविधा नहीं, किसान औने-पौने दाम में बेच रहे फसल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-04 07:44 GMT
50 गांवों में मंडी की सुविधा नहीं, किसान औने-पौने दाम में बेच रहे फसल

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर। किसानों की सुविधा के लिए कृषि उपज मंडियों एवं उपमंडियों की स्थापना शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है, लेकिन करेली कृषि उपज मंडी से संबद्ध आमगांवबड़ा उपमंडी का निर्माण दो वर्ष से अधर में लटका है। कार्य की मंथर गति से आसपास लगे लगभग 50 गांवों के किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है। दो वर्ष से चल रहे उपज मंडी के निर्माण कार्य अभी भी आकार नहीं ले पाये हैं।
ज्ञातव्य है कि उप मंडी निर्माण के लिए पूरी राशि भी दो किस्तों में जारी हो चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य की धीमी गति अभी भी बनी हुई है जिससे क्षेत्र के किसानों को उपमंडी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। परिणाम स्वरुप उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए करेली मंडी जाना पड़ता है जिससे किसानो को भाड़े के अलावा समय भी बर्बाद होता है। कृषि उपमंडी के लिए शासन द्वारा 65 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं जिसमें 29 लाख की पहली किस्त और दूसरी किस्त 26 लाख की जारी की जा चुकी है उसके बावजूद भी निर्माण कार्य कच्छप गति से चल रहा है किसानों को कहना है आमगांव क्षेत्र से 40 से पचास ग्राम जुड़े हुए हैं, मंडी न होने के कारण किसानों को अनाज के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। कई बार किसानों को स्थानीय व्यापारियों को मजबूरी बस अनाज बेचना पड़ता है। मंडी से 400 से 600 रुपए कम में किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर व्यापारी अनाज खरीदते हैं।
क्षेत्र को मिलेगा लाभ
ग्राम के कृषक डॉ. वसंत राजपूत का कहना है अगर उपमंडी जल्दी प्रारंभ होती है तो क्षेत्रीय कृषकों को बड़ा फायदा निश्चित तौर पर होगा। कृषक नेमीचंद नायक का कहना है क्षेत्र के किसानों को मंडी न होने के कारण अनाज के सही दाम नहीं मिल रहे हैं जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कृषक रघुराज पटेल कहते हैं कि मंडी से क्षेत्र का व्यापार और बेरोजगारी दूर होगी उपमंडी होने से क्षेत्र विकास की ओर अग्रसर होगा।
अधूरा निर्माण कार्य
वर्तमान स्थिति में मंडी में निर्माण के सभी काम अधूरे पड़े हुए हैं। जिनमें बाउंड्री वाल, शेड निर्माण परिसर का सीमेंटीकरण के अलावा अन्य कार्य होना है। बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है
अतिक्रमण की समस्या
मंडी में 15 से 20 अतिक्रमणकारी कच्चे मकान बनाकर रहे थे जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया गया है, इसके बावजूद भी अतिक्रमणकारी अभी भी उपमंडी में कच्चे मकानों में रह रहे हैं जिससे आज भी मंडी परिसर में अतिक्रमण फैला हुआ है।
उपमंडी का निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ हो
क्षेत्रीय कृषकों में उपमंडी का निर्माण कार्य कच्छप गति से होने से शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश पनप रहा है। क्षेत्रीय कृषकों में बड़ेलाल तिहैया, चौ. धीरसिंह राजपूत, वीरेंद्र सिंह राजपूत, रामरक्षक राजपूत, ठाकुर रघुराज सिंह पटेल, डॉ. वसंत सिंह राजपूत, नेमीचंद नायक अशोक महाजन, मनमोहन गुप्ता, मनमोहन साहू, सुरजीत सिंह सिसोदिया, दिलीप पसारी, राजेंद्र सिसोदिया, अनुपम सिसोदिया, अभिषेक दीक्षित, संदीप सिसोदिया, गगन गुप्ता, निशि पसारी, आशीष गुप्ता, नितिन महाजन, मुकेश सोनी, बृजेश सोनी, अभिषेक गुप्ता, नितिन पटेल, हरिओम मेहरा, सोनू मेहरा, नीलेश मेहरा, देवेंद्र मेहरा ने अतिशीघ्र उपमंडी का निर्माण कर प्रारंभ कराने की मांग की है।
इनका कहना है
आमगांव उप मंडी में अतिक्रमण हटाने संबंधी चर्चा तहसीलदार महोदय से हुई है। अतिशीघ्र आमगांव उपमंडी का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा, इस बाबत गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।
संतोष रघुवंशी मंडी अध्यक्ष
तीन चार बार अतिक्रमणकारियों को मंडी से अतिक्रमण हटाने पंचायत द्वारा बोला जा चुका है, जबकि उन्हें आवास योजना का लाभ भी मिल गया है बावजूद इसके अतिक्रमण नहीं हटा रहे हैं।
निमिषा नामदेव ग्राम सरपंच

 

Similar News