स्कूलों में विशेषज्ञों के ऑनलाइन होंगे लेक्चर, प्राचार्य को दिए गए निर्देश
स्कूलों में विशेषज्ञों के ऑनलाइन होंगे लेक्चर, प्राचार्य को दिए गए निर्देश
डिजिटल डेस्क, दमोह। विद्यार्थियों को अब इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए अलग से कोचिंग करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि शासकीय स्कूलों में ही पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों को आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ ऑनलाइन लेक्चर देंगे। यह सुविधा इसी शिक्षण सत्र से प्रारंभ हो सके इसके लिए स्कूल के सभी प्राचार्य को स्कूलों में सिस्टम इंस्टॉल करने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि हायर सेकेंडरी स्कूल में अभी तक ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो इंजीनियर बनने का प्रयास तो करते हैं और इसके लिए मेहनत भी करते हैं तथा हर प्रकार से शिक्षा प्राप्त करने के लिए कोचिंग भी करते हैं, लेकिन अब उनकी यह सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। इस संबंध में बताया गया है कि ऐसे छात्रों को पढ़ाने के लिए विषय विशेषज्ञ उनको ऑनलाइन पढ़ाएंगे तथा लेक्चर भी देंगे ताकि वे अपना भविष्य सुधार सकें।
अधिकारियों का कहना है कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के शासकीय स्कूलों में विशेषज्ञ के लेक्चर कराने के लिए केंद्र सरकार ऑडियो विजुअल फैसिलिटी से ऐसी व्यवस्था करेगी कि विद्यार्थियों को व्याख्यानों का सीधा प्रसारण स्कूल में देख सकें। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वयं प्रभा टीवी चैनल बनाया है। इसके 32 चैनल हैं इन पर एक्सपर्ट के लेक्चर प्रसारित होते हैं जो लाइव होते हैं। इसका रिपीट टेलीकास्ट भी समय समय पर किया जाता है। इसके लगभग 22 चैनल आईआईटी पल नाम से हैं।
समझ आधारित शिक्षा को बढ़ावा
शिक्षा विभाग का यह एक नया प्रयोग करने के पीछे विभाग का मकसद कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों में समाज आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है। इससे विद्यार्थियों को किताबों में लिखी गई बातें विज्ञान के सिद्धांत और गणित के फार्मूले आदि व्यवहारिक रूप से आसान भाषा में सीखने में मदद मिलेगी। चैनलों पर पाठ्यक्रम आधारित जानकारी भी प्रसारित होते हैं।
इंजीनियर बनने की राह होगी आसान
स्वयंप्रभा चैनल मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है शिक्षक और विद्यार्थी अपने मोबाइल पर इसे इंस्टॉल कर विषय से जुड़े और पूर्व प्रसारित वीडियो आसानी से देख सकते हैं। प्रत्येक चैनल के वीडियो को यू ट्यूब पर भी देखा जा सकता है। देखा जाए तो यह एक बेहतर पहल है इससे विद्यार्थियों के लिए इंजीनियर बनने की राह आसान होगी और अपने सपने भी पूरी कर सकेंगे।
इनका कहना है
नौवीं से कक्षा बारहवीं के बीच पाठ्यक्रम आधारित पढ़ाई का गुणवत्ता होना जरूरी है इसलिए यह पहल शुरू की गई है। इससे बच्चे आसानी से इंजीनियर बन सकते हैं इसलिए स्वयंप्रभा चैनल सुविधा दी गई है। जिले के समस्त प्राचार्य से कहां है कि वे अपने यहां डीटीएच सिस्टम इंस्टॉल कराएं।
कुमार सत्यम, आईएएस प्रभारी, डीपीसी दमोह