रोज़गार गारंटी योजना के माध्यम से रोजगार सृजन-पालक सचिव नंदकुमार
वाशिम रोज़गार गारंटी योजना के माध्यम से रोजगार सृजन-पालक सचिव नंदकुमार
डिजिटल डेस्क, वाशिम. रोज़गार गारंटी योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को उसकी मांग अनुसार अकुशल हाथ को काम उपलब्ध करवाकर गुणवत्तापूर्ण टिकाऊ उत्पादक मत्ता निर्माण होना ज़रुरी है । विविध सरकारी योजनाओं समेत रोज़गार गारंटी योजना के कार्यों पर प्रभावशाली अमल कर बहुआयामी गरिबी कम करने के लिए यंत्रणाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होने का प्रतिपादन अपर मुख्य सचिव (मनरेगा) तथा जिले के पालक सचिव नंदकुमार ने किया । जिला नियोजन समिति सभागृह में शिक्षा विभाग और एकात्मिक बाल विकास यंत्रणा के साथ बहुआयामी गरीबी निर्देशांक में सुधार करने को लेकर आयोजित कार्यशाला को वे सम्बोधित कर रहे थे ।
इस अवसर पर जिलाधिकारी शण्मुगराजन एस., जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसुमना पंत, अन्य पिछड़ा व बहुजन कल्याण विभाग के उपसचिव सालुंखे, झालटे व निवासी उपजिलाधिकारी हिंगे प्रमुख रुप से उपस्थित थे । अपने सम्बोधन में नंदकुमार ने आगे कहा की गरीबी के आयाम पर शाश्वत रुप से मात करने के लिए सभी विभागों का अपनी-अपनी योजनाओं का मनरेगा की योजनाओं के साथ सक्रियता से अभिसरण करना आवश्यक है । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना अर्थात मनरेगा का सुधारित दृष्टिकोन रखा जा रहा है । मनरेगा का उपयोग कर राज्य की गरिबी समाप्त करने को लेकर प्रारुप योजना रखी जाएंगी । कुपोषण दूर करने के लिए सम्बंधित परिवार की आय बढ़नी चाहिए । आज भी देश के 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क अनाज दिया जा रहा है । राज्य का कुपोषण समाप्त होने पर 32 प्रतिशत लोगों की गरीबी दूर होने की बात भी उन्होंने कही । आहार में विविधता उपलब्ध होने पर कुपोषण कम होने में मदद होने की बात कहते हुए नंदकुमार ने बताया कि कोविड के बाद शिक्षा पद्धति में बदलाव हुआ है । मोबाइल पर शिक्षा शुरु हुई है । स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर बहुआयामी गरीबी दूर करने हेतु महत्वपूर्ण साबित होंगा । शिक्षा और गरिबी कुपोषण के लिए ज़िम्मेदार होने की बात भी उन्होंने कही ।
इस अवसर पर मनरेगा के राज्य प्रशिक्षक निलेश घुगे ने सभागृह में उपस्थित विविध यंत्रणाओं के प्रमुख अधिकारी, सभी गुटविकास अधिकारी, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, गुटशिक्षाधिकारी, बाल विकास प्रकल्प अधिकारी, तहसील कृषि अधिकारी, चिकित्सकीय अधिकारी, विस्तार अधिकारी (शिक्षा), केंद्र प्रमुख, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका, आंगनवाड़ी सेविकाओं से मनरेगा के संशोधित दृष्टिकोन पर गरीबी के आयाम, बघू आयामी गरिबी के विश्लेषण, गरीबी के वंचितता के आयाम पर आघात, वंचितता में विविध निकष व विविध कार्यों को प्राथमिक ठहराना, प्रगत शैक्षिक महाराष्ट्र विषय पर सभागृह के उपस्थिताें के विचार जानना, आदि पर चर्चा की । अंत में आभार डाबेराव ने व्यक्त किया ।