चुनावी चहलकदमी...तीन दिनों के लिए फिर आएंगे नकुल-कमलनाथ
छिंदवाड़ा चुनावी चहलकदमी...तीन दिनों के लिए फिर आएंगे नकुल-कमलनाथ
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। आगामी चुनावों को लेकर जिले का सियासी पारा लगातार चढ़ा रहने वाला है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तीन दिनी प्रवास के बाद २० अगस्त को लौटे हैं। जबकि इसी माह ११ से १४ अगस्त तक चार दिन यहां बिताकर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ का फिर आगमन हो रहा है। इस बार वे तीन दिन के लिए २८ अगस्त को छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं। पिछले दौरे में कमलनाथ ने पंचायत और नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में कहा था कि जीत के बाद घर नहीं बैठना है। बल्कि लोगों के बीच में रहकर उनकी समस्याओं का समाधान करना है। कौन से क्षेत्र में हारे और क्यों हारे इस पर विचार करते हुए कार्य करना है। भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्री के जरिए कराई जा रही उनके गढ़ की घेराबंदी के बीच खुद ही मोर्चा संभाल रहे हैं। वे कोई भी मौका न दिए जाने की रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले जिले के शेष ६ नगरीय निकायों में चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ अपने इस दौरे में जिन निकायों में चुनाव होना है वहां चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने वाले हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वे नगरनिगम पहुंचकर बैठक भी ले सकते हैं। नगरनिगम चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने और शहर विकास को लेकर वे निगम अमले व जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे।
निगम में फिलहाल जमावट व सजावट का दौर:
कांग्रेस: लंबे समय बाद हाथ आई सत्ता को संभालने सभापति आतुर हैं। कमरों सजावट के साथ पदभार संभालने में जुटे हुए हैं। महापौर और सभापति अपने अनुसार कर्मचारियों की जमावट में लगे हैं। वहीं कुछ सभापति अपने विभाग को लेकर संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक एक ने तो रुष्ट होकर अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है। इस्तीफा महापौर को दिया गया है, महापौर ने भी देरी किए बिना वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है। हालांकि मंजूरी व नामंजूरी जैसी बात निकलकर नहीं आई है।
भाजपा: लगातार १८ साल तक नपा और नगरनिगम की सत्ता में रही भाजपा को इस बार २० पार्षदों के साथ संतोष करना पड़ा है। अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद भाजपा पार्षद अब तक अपना नेता नहीं चुन पाए हैं। निगम में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह अभी घोषित नहीं हुआ है। छंटवी बार पार्षद बने विजय पांडे उक्त पद के सशक्त दावेदार बताए जा रहे हैं। अध्यक्ष पद के चुनाव में एक वोट ज्यादा लेकर उन्होंने अपना हुनर भी दिखाया है। अब नेता प्रतिपक्ष के लिए उनका नाम चर्चाओं में है।