पत्नी से डरे सहमें पति ने हाईकोर्ट में लगाई अदालत बदलने की गुहार, मिली राहत

पत्नी से डरे सहमें पति ने हाईकोर्ट में लगाई अदालत बदलने की गुहार, मिली राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-03 15:03 GMT
पत्नी से डरे सहमें पति ने हाईकोर्ट में लगाई अदालत बदलने की गुहार, मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अफसर पत्नी के थप्पड़ और उसके रिश्तेदारों कि धमकियों से सहमे पति का बांबे हाईकोर्ट ने बचाव किया है। घरेलू हिंसा से जुड़े मामले को कोर्ट ने पत्नी के पैतृत निवास स्थान से दूसरी जगह स्थानंतरित कर दिया है। धुले में ही बिक्री कर अधिकारी के रुप में कार्यरत पत्नी ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत धुले के सिंदखेड़ा मैजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत की है। पति ने मामले की सुनवाई को सिंदखेडा से पनवेल में स्थानांतिरत करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। 

आवेदन में पति ने दावा किया था कि जिस मैजिस्ट्रेट कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है, वह उसकी पत्नी का पैतृक स्थान है। इसलिए जिस दिन मामले की सुनवाई होती है वहां पर बड़ी संख्या में पत्नी के रिश्तेदार इकट्ठे होते हैं और तनावपूर्ण माहौल पैदा करते है। ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि वहां पर मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी और मुझे न्याय मिल सकेगा। लिहाजा उसके मामले को दूसरे मैजिस्ट्रेट कोर्ट में स्थनांतरित किया जाए। 

सुनवाई के दौरान पति की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने न्यायमूर्ति एएम बदर के सामने कहा कि जब मेरे मुवक्किल पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में सुलह के लिए गए थे तो वहां पर मौजूद उसकी पत्नी ने मेरे मुवक्किल के गाल पर थप्पड जड़ दिया था। यही नहीं पत्नी के रिश्तेदारों ने मेरे मुवक्किल के घरवालों के साथ मारपीट भी की थी।

पुलिस ने इस घटना के बाद एक असंज्ञेय अपराध दर्ज किया था। इसके अलावा मेरे मुवक्किल को कुछ समय के लिए पुलिस सुरक्षा भी प्रदान की गई थी। अब जब मेरे मुवक्किल कोर्ट में सुनवाई के लिए जाते हैं तो वहां पर भी काफी संख्या में पत्नी के रिश्तेदार इकट्ठे होते हैं। इसलिए वहां पर इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती है।

पत्नी के वकील ने न्यायमूर्ति के सामने पति के आवेदन का विरोध किया और कहा कि यह आवेदन सुनवाई योग्य नहीं है। मामले से जुड़े दोनों पक्षो को सुनने व पति में असुरक्षा की भावना को देखते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि कानून में मामले की निष्पक्ष सुनवाई का प्रावधान है। इसलिए न्यायहित में मामले को सिंदखेड़ा से धुले के मैजिस्ट्रेट कोर्ट में स्थानांतरित किया जाता है। 

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