दिव्यांग पर्वतारोही धीरज की श्रीनगर से कन्याकुमारी साइकिल यात्रा 

आकोट दिव्यांग पर्वतारोही धीरज की श्रीनगर से कन्याकुमारी साइकिल यात्रा 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-03 12:58 GMT
दिव्यांग पर्वतारोही धीरज की श्रीनगर से कन्याकुमारी साइकिल यात्रा 

डिजिटल डेस्क, अकोट. निवासी आंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही दिव्यांग धीरज बंडू कलसाईत ने फिर एक बार एक ऐसा मिशन हाथ लिया है जिसे पूरा करना हर किसी के बस में नहीं है। दिव्यांग होने के बावजूद भी इस बार धीरज ने काश्मिर से कन्याकुमारी साईकिलिंग प्रतियोगिता में शामिल हो कर सब को हैरत में डाल दिया है।  १ मार्च को धीरज इस  श्रीनगर से साइकिलिंग के लिए रवाना हुआ है। धीरज ने फिर एक बार अकोट का नाम पूरे देश में रोशन किया है।दिव्यांग होने के बावजूद भी अकोट के 25 वर्षीय धीरज कलसाईत ने आत्मविश्वास के बलबुते पर श्रीनगर के लाल  चौक  में से प्रारम्भ हुए रेस अक्रॉस इंडिया इस प्रतियोगिता में शामिल हो कर साइकिलिंग शुरू की है। काश्मिर से कन्याकुमारी इस तरह ३६५१ कि.मी. का अंतर कम समय में पार करते हुए गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करने की धीरज की मंशा है। दिव्यांग होने के बावजूद साईकिलिंग करते हुए सोलो प्रतियोगिता में भाग लेने वाला धीरज एक मात्र भारतीय है। इस मुहिम में शामिल होने से पहले धीरज रोज  ३०० कि.मी. साइकिलिंग का अभ्यास पूरा किया। धीरज को एक हाथ की उंगलीयां नहीं है और एक पैर नहीं है। ऐसे में इतनी लंबी दूरी की साइकिलिंग करना यह बहुत बड़ी चुनौति धीरज ने स्वीकार की। धीरज पर  सॅटेलाईट तथा अन्य तकनीकी उपकरनों से नजर रखी जाएगी। 10 दिन में ३६५१ कि. मि. अंतर पूरा करने का संकल्प धीरज ने किया है।
 

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