बजट से प्रदेश के उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग में घोर निराशा
जबलपुर चेम्बर बजट से प्रदेश के उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग में घोर निराशा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन द्वारा पेश किये गये बजट से प्रदेश के उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग में घोर निराशा है तथा ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश शासन अर्थव्यवस्था को चलाने वाले व्यवसायी वर्ग के हितों के प्रति संवेदनशील नहीं है, यह कथन है जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रेम दुबे का उन्होंन कहा कि प्रदेश के बजट से क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा क्योंकि जबलपुर एवं महाकौशल क्षेत्र के हितार्थ बजट में कुछ भी नहीं है।
चुनावी बजट है - फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि चूंकि इस वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव है इसलिए वित्त मंत्री ने सिर्फ वोटरों के बड़े तबके को आकर्षित करने ढेरों सौगातें दी हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त की योजनाओं पर अंकुश लगना चाहिए जिसका भार ईमानदार कर दाताओं पर आता है तथा वोटों की राजनीति में उलझकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था खोखली होती जाती है। उन्होंने बताया कि बजट में जबलपुर में निवेशरत उद्योग एवं संभावित निवेशकों को आकर्षित करने कुछ भी नहीं किया गया है, न ही औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की बात कही गई है और न ही स्थापित होने वाले विभिन्न क्लस्टरों के लिए वित्तीय आवंटन किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सिर्फ और सिर्फ चुनाव एवं वोटरों के तबके को ध्यान में रख कर यह बजट लाया गया है।
टोल टैक्स एवं पैट्रोल डीज़ल - जबलपुर चेम्बर के उपाध्यक्ष नरिन्दर सिंह पांधे ने कहा कि बजट से ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों को काफी उम्मीदें थीं जैसे कि डीज़ल की दर को कम करना तथा टोल नाकों पर लिये जाने वाले कर को कम करना जो कि पूरी नहीं हो पाई।
व्यापारिक हितों की अनदेखी- चेम्बर के कार्यसमिति सदस्य अनिल अग्रवाल, निखिल पाहवा, जितेन्द्र पचौरी, दीपक सेठी, अभिषेक ध्यानी, शशिकांत पांडेय आदि ने प्रदेश के बजट को उपेक्षापूर्ण निरुपित किया है। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि व्यापारी करदाताओं की अनदेखी सरकार ने की है, कोई नया कर नहीं लगाया है लेकिन प्रदेश की अर्थव्यवस्था का भविष्य भी निश्चित नहीं किया है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।