फसल कर्ज वितरण में देरी करनेवाली बैंकों पर कार्रवाई करने की मांग

रिसोड़ फसल कर्ज वितरण में देरी करनेवाली बैंकों पर कार्रवाई करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-06 14:08 GMT
फसल कर्ज वितरण में देरी करनेवाली बैंकों पर कार्रवाई करने की मांग

डिजिटल डेस्क, रिसोड़। खरीफ की बुवाई हुए दो से ढ़ाई माह का समय बीत चुका है । फसल कर्ज खरीफ की बुवाई के लिए दिया जाता है । लेकिन फसल कर्ज वितरण के मुख्य उद्देश को बैंकों द्वारा नज़र अंदाज़ किया जा रहा है । बैंकों द्वारा विविध कारण बताए जाने से राज्य के 25 प्रतिशत से अधिक किसान अब भी फसल कर्ज से वंचित है । इनमें निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकें आगे है । एक ओर राज्य में किसान आत्महत्याओं के बढ़ते बैंकों का किसानों के प्रति सौतेला व्यवहार किसानों के साथ अन्याय होने का आरोप विष्णुपंत भुतेकर ने लगाया । सिविल, नए कर्ज़दार, फाइनान्स कम्पनियों से कर्ज़ अथवा बचत गुटें के कर्ज़, विविध महामंडलों से लिया गया कर्ज़ आदि अनेक कारण बताकर अब भी किसानों को फसल कर्ज से वंचित रखा जा रहा है । 3 लाख रुपए तक फसल कर्ज़ का ब्याज शासन भरता है । राज्य के फसल कर्ज़ की गारंटी शासन के लेते हुए अनेक बैंक शाखाओं में अब भी किसानों के फसल कर्ज़ प्रकरण पड़े हुए है । राज्य फसल कर्ज़ वितरण समिति और जिला फसल कर्ज़ वितरण समिति काे इसे गंभीरता से लेकर फसल कर्ज़ वितरण लटकाकर रखनेवाली बैंक शाखाओं के अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए । ऐसी मांग भूमिपुत्र किसान संगठन की ओरसे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व कृषि मंत्री से पत्रक द्वारा की गई।

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