11 साल पहले सिर कटी लाश मिलने की सुलझी गुत्थी, पत्नी ने कराई थी पति की हत्या 

11 साल पहले सिर कटी लाश मिलने की सुलझी गुत्थी, पत्नी ने कराई थी पति की हत्या 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 14:48 GMT
11 साल पहले सिर कटी लाश मिलने की सुलझी गुत्थी, पत्नी ने कराई थी पति की हत्या 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर के नागपाडा इलाके में 11 साल पहले मिली सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मृतक की पत्नी भी है, जिसने इस हत्या के लिए दो लाख रुपए की सुपारी दी थी। हत्या करने वाले दोनों आरोपी भाई हैं और उन्हें दिल्ली में भी एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। जिसमें दोनों जमानत मिलने के बाद फरार हो गए थे।


मस्तान तलाब के पास मिला था शव


डीसीपी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि 14 मई 2006 को नागपाडा के मस्तान तलाब के पास एक शव मिला था। शव का सिर, हाथ, पैर गायब थे और केवल धड़ ही फेंका गया था। पुलिस मृतक की शिनाख्त तक नहीं कर पाई। लेकिन कुछ दिनों पहले एमआरए मार्ग के सीनियर इंस्पेक्टर सुखलाल वर्पे को खबरियों के जरिए इस मामले से जुड़े कुछ अहम सुराग मिले। इसके बाद मृतक की पहचान किशन खारवा के रुप में हुई। छानबीन में पता चला कि खारवा की पत्नी बंसीबेन खारवा (60) ने उसका शव मिलने के करीब छह महीने बाद अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत इसलिए दर्ज कराई गई थी जिससे खारवा की संपत्ति हस्तांतरण और उसके बीमे के पैसे पत्नी को मिल सके। इसके बाद पुलिस ने खारवा की पत्नी से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। 


पति को रोजाना थी शराब पीने की लत


बंसीबेन ने बताया कि उसका परिवार चिंदीगली में पुराने कपड़ों के बदले बर्तन देने का व्यवसाय करता है। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी थी। लेकिन उसके पति को रोजाना शराब पीने की लत थी। वह शराब पीने के बाद उससे गालीगलौज और मारपीट भी करता था। बंसीबेन इससे तंग आ गई थी और उसने पति की हत्या कराने का फैसला किया। इस बीच उसने इसी व्यवसाय से जुड़े फिरासत अली शाह (48) और इरशाद अली शाह (43) नाम के दो लोगों को पति की हत्या के लिए दो लाख रुपए की सुपारी दे दी। शाह भाइयों और खारवा के बीच जान पहचान थी इसीलिए वे पार्टी के बहाने उसे अपने साथ ले गए। दोनों ने खारवा को शराब में बेहोशी की दवा पिला दी और फिर उसकी हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जिससे उसकी पहचान न हो सके। 


टैटू से हो सकती थी शिनाख्त

खारवा के हाथ-पैर पर टैटू बने थे इससे भी शिनाख्त हो सकती थी इसलिए उसे भी काटकर धड़ से अलग कर दिया गया। धड फेंक दिया गया जबकि शरीर दे दूसरे हिस्सों को धीरे-धीरे ठिकाने लगाया गया। छानबीन में पता चला कि हत्या करने वाले शाह भाइयों को दिल्ली सत्र न्यायालय हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। दोनों ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी जिसे ठुकराकर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कोर्ट में पेशी के बाद तीनों आरोपियों को 15 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं मुंबई पुलिस ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को आरोपियों के पकड़े जाने की सूचना दे दी है।

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