शवों को अमानवीय तरीके से रखने पर HC की अस्पताल को फटकार

शवों को अमानवीय तरीके से रखने पर HC की अस्पताल को फटकार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-14 13:52 GMT
शवों को अमानवीय तरीके से रखने पर HC की अस्पताल को फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के शवों को सम्मान जनक तरीके से रखा जाए। हाईकोर्ट ने यह बात एलफिस्टन रेलवे पुल में हुई भगदड़ के हादसे में जान गवांने  वाले 23 लोगों के शव को अमानवीय तरीके से रखे जाने की तस्वीरों को देखने के बाद कही। इसके साथ ही शवों को लेकर अमानवीय रुख अपनाने वाले रेलवे व अस्पताल को कड़ी फटकार लगाई। इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है।

शव के माथे पर पहचान के लिए मार्कर से नंबर लिखा

29 सितंबर को एलफिस्टन रेलवे स्टेशन के पुलिस में भगदड़ मची थी। जिसमें 23 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। न्यायमूर्ति नरेश पाटील और न्यायमूर्ति एनडबल्यू सांब्रे की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि अस्पताल के परिसर में शवों को कतारबध्द तरीके से रखा गया है और हर शव के माथे पर पहचान के लिए मार्कर से नंबर लिखा है। इससे नाराज खंडपीठ ने कहा कि शवों को कैसे रखा जाए क्या इसको लेकर कोई दिशा-निर्देश बनाए गए है। खंडपीठ ने कहा कि जिस तरह से इस मामले में शवों को रखा गया है वैसी स्थिति में शवों को नहीं रखना चाहिए। डाक्टरों और अधिकारियों को मानव शव को सम्मान के साथ रखना चाहिए और ऐसी स्थिति में मानवीय रुख अपनाना चाहिए। 

शव को देखकर परिजन और दुखी होगा

खंडपीठ ने कहा कि कोई भी दुखी परिजन इस स्थिति में शव को देखेगा तो उसे अच्छा नहीं लगेगा। ऐसी स्थिति में शवों को रखने वाले लोगों को व्यावहारिक ज्ञान होना ही चाहिए। क्या शवों को रखने को लेकर कोई दिशा-निर्देश है। यदि नहीं भी है तो भी जिस तरह से एलफिस्टन रेलवे पुलिस में हुए हादसे में मारे गए लोगों के शव को रखा गया है उस तरह से नहीं रखा जाना चाहिए था। खंडपीठ ने कहा कि सरकार को एक आपदा प्रबंधन टीम बनानी चाहिए। जो हर तरह के संसाधानों से लैस हो। ताकि ऐसी स्थिति का आसानी से सामना किया जा सके। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।  

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