आपस में भिड़ गए वर्तमान और पूर्व विधायक, किसानों ने किया सामूहिक आत्महत्या का प्रयास

वणी आपस में भिड़ गए वर्तमान और पूर्व विधायक, किसानों ने किया सामूहिक आत्महत्या का प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-02 12:23 GMT
आपस में भिड़ गए वर्तमान और पूर्व विधायक, किसानों ने किया सामूहिक आत्महत्या का प्रयास

डिजिटल डेस्क, मारेगांव। वणी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व विधायक किसानों को मिलनेवाले मुआवजे को लेकर जनता के सामने ही आपस में भिड़ गए। दरअसल मारेगांव तहसील के घटवांजरी बांध के लिए जमीन देनेवाले किसानों को सही मुआवजा न मिलने को लेकर दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों हाथापाई पर उतर आए। हालांकि पुलिस ने जैसे-तैसे मामला शांत कर दिया परंतु किसी ने घटना कैमरे में कैद कर ली और जब यह वीडियो वायरल हुआ तो राजनीतिक गलियारों के साथ ही आम जनता में यह चर्चा का विषय बन गया। इस पूरे मामले में सबसे गंभीर बात यह थी कि जिन किसानों को अल्प मुआवजा मिला था वे सामूहिक आत्महत्या करने चले थे पर पुलिस की सतर्कता से बड़ी अनहोनी टल गई। मारेगांव तहसील के हटवांजरी बांध पीड़ितों को अत्यल्प मुआवजा मिलता देख हटवांजरी के किसान संतप्त हो गए। उन्होंने सामूहिक आत्महत्या करने का निर्णय लिया। यह जानकारी विद्यमान भाजपा विधायक सजीवरेड्डी बोदकुरवार और शिवसेना के पूर्व विधायक विश्वास नांदेकर को मिलते ही दोनों शनिवार की दोपहर हटवांजरी परियोजना पहुंचे थे। 

किसानों ने किया सामूहिक आत्महत्या का प्रयास

हटवांजरी बांध पीड़ितों की जमीनें 2012-13 में किसानों से ली गई थी। उस समय अच्छा दाम देने का वादा किया गया था। मगर 18 फरवरी 2022 को इन लोगों को सिर्फ 57 हजार रुपए प्रति एकड़ या एक लाख 42 हजार 500 रु. प्रति हेक्टर का मुआवजा दिया गया। यही नहीं उसके बाद उन्होंने पटवारी से किसानों के नाम की जमीन सरकार के नाम पर कर ली। 29 अप्रैल को यहां पर  जेसीबी लगाकर खुदाई का काम भी शुरू किया गया। मगर उसकी भनक किसानों को लगने नहीं दी। इस बात का पता 30 अप्रैल को चलते ही संतप्त किसान सैकड़ों की संख्या हटवांजरी परियोजना के पास पहुंचे। वहां पर उन्होंने सामूहिक आत्महत्या करने के लिए पेड़ों पर रस्सी बांध कर फांसी लगाने का प्रयास किया। मगर पुलिस ने इन लोगों को ऐसा करने से रोका। जिससे पीड़ित किसानों की जान बच गई। यह किसान रोते हुए कह रहे थे कि, सरकार के पास इतने कम दाम में आसपास जमीनें हो तो किसानों को दंे। वे उसे जरूर खरीदेंगे। इस प्रकार अत्यल्प मुआवजा देकर किसानों की महंगी उपजाऊ जमीन सरकार ने डकार ली है। इसी बात को लेकर दोनों विधायकों में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रयास किया गया। आंदोलन करनेवाले किसानो में ललीता उरकुडे, बाबा भोयर, विलास वसाडे, रामराव वसाडे, संभाशिव लांडे, विनोद वासाडे, वंसता वासाडे, गणेश जुनगरी, सुमित्रा लांडे, नीलकंठ कालेकर, पुरुषोत्तम वासाडे आदि किसानों को प्रति एकड़ 7 लाख रुपए कम मुआवजा देकर नुकसान किया है। 

   

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