तीन मिलावटखोरों पर कोर्ट ने लगाया रू. 94.5 लाख का जुर्माना

तीन मिलावटखोरों पर कोर्ट ने लगाया रू. 94.5 लाख का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-17 09:25 GMT
तीन मिलावटखोरों पर कोर्ट ने लगाया रू. 94.5 लाख का जुर्माना

खाद्य सुरक्षा अधिकारी की सक्रियता से समय पर पेश हुए चालान
डिजिटल डेस्क छतरपुर । जि
ले में मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन तो कार्रवाई तो कर ही रहा है कोर्ट ने भी मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त फैसला दे रहा है। जिले में बढ़ते मिलावटी कारोबार के बीच कोर्ट ने तीन मिलावटखोरों के खिलाफ लाखों रुपए का जुर्माना किया है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी की सक्रियता के चलते समय पर कोर्ट में इन मिलावटखोरों के खिलाफ चालान पेश हो सके और कोर्ट ने एक साल में ही इन पर जुर्माने की कार्रवाई की है। 
प्रदेश में एक साल पहले कांग्रेस सरकार द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार तिवारी ने जगह-जगह छापामार कार्रवाई की। इस दौरान सरवई, खजुराहो और नौगांव में मावा,पनीर और मिठाइयां जब्त की गईं। इसके सेम्पल भोपाल भेजे गए। चूंकि उन दिनों पूरे प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ छापामार कार्रवाई चल रही थी इसके बाद भी जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के सघन प्रयास से जांच रिपोर्ट प्राप्त हुईं। जांच रिपोर्ट में भी अमानक खाद्य सामग्री पाई गई। इसका चालान कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने भी सख्त कदम उठाते हुए इन मिलावटखोरों पर अर्थदंड अधिरोपित किया। सरवई के बस स्टैण्ड में संचालित रिद्धि सिद्धि मिष्ठान भण्डार के संचालक प्रमोद कुमार चैरसिया पर अमानक स्तर के पनीर भण्डारण पर 1 लाख रूपए, खजुराहो के पास सुरई में संचालित श्री राधे कृष्णा दूध डेयरी के संचालक सियाशरण यादव पर पनीर अमानक स्तर का पाए जाने के कारण 2 लाख रूपए और नौगांव पुलिस थाना द्वारा बसों से परिवहन के दौरान जब्त की गई खाद्य सामग्री पर मालिकाना हक बताने वाले रामपुर बाघेलान तहसील अमरपाटन जिला सतना निवासी शुभम गुप्ता पर गोपी का स्पेशल बर्फी अमानक स्तर का पाए जाने के कारण 1 लाख 50 रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। निर्धारित समयावधि में अर्थदण्ड जमा नहीं करने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 96 के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया राशि की भांति राशि वसूल की जाएगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य सामग्री प्रतिष्ठानों का निरंतर निरीक्षण कर कार्यवाही की जा रही है। गत एक माह में न्यायालय द्वारा 7 प्रकरणों में 5 लाख 80 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।  
 

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