कोरोना वायरस का खौफ, मेडिकल के वार्ड में मास्क तक नहीं
कोरोना वायरस का खौफ, मेडिकल के वार्ड में मास्क तक नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना वायरस पूरे चीन में महामारी का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरे विश्व को अलर्ट कर दिया। भारत सरकार भी अपने-अपने स्तर से लगातार राज्यों को अलर्ट कर रही है। नागपुर शहर में चीन से आए कुछ लोगों को भी कोरोना की आशंका की चलते मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके लिए मेडिकल अस्पताल में 25 नंबर वार्ड को आरक्षित रखा गया है। खास बात यह है कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ने पर मेडिकल ने आइसोलेशन वार्ड बनाया था। उसी वार्ड को अब स्वाइन फ्लू के साथ ही कोरोना और अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों के लिए आरक्षित कर रखा है। वर्तमान में भी यहां स्वाइन फ्लू, काेरोना वायरस और अन्य संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने वाले मरीजों को रखा जा रहा है। इस वार्ड में अब भी कई मरीज इलाज करा रहे हैं। परंतु इनका नाता कोरोना से नहीं है। इसी वार्ड में अलग-अलग सेक्शन भी बनाए गए हैं।
भास्कर हिंदी डॉट काम के रिपोर्टर ने वार्ड की पड़ताल की। यहां का दृश्य देखकर ऐसा कुछ प्रतीत नहीं होता, जिसे देखकर लगे कि इस वार्ड को खास बनाया गया है। यहां के स्टाफ से लेकर मरीज, तीमारदार सामान्य मरीजों, तीमारदारों की तरह ही आते-जाते हैं। न तो वो खास तरह का मास्क (एन-95) लगाए मिलते हैं, न ही कोई किट ही मिली है। अटेंडेंट से लेकर डॉक्टर तक ने कोई मास्क नहीं लगा रखा था। कुछ ने लगाया भी है तो वह साधारण मास्क है। खास बात यह कि वार्ड के बाहर कोई चेतावनी भी नहीं लिखी गई है ताकि सामान्य लोग उस ओर जाने से बचें, जबकि कोरोना वायरस से बार-बार सचेत किया जा रहा है।
जब कोई सस्पेक्टेड रहता है, तभी पीपीई किट का उपयोग करते हैं। पहला जब सस्पेक्ट आया था तो किट नहीं थी। इसलिए मरीज को पुणे भेजा गया था। अभी हमारे पास किट उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर उपयोग करते हैं।
-डॉ अविनाश गावंडे, अधीक्षक, मेडिकल
ऐसे करें संक्रमण के खतरे को कम
साबुन और पानी से हाथ साफ रखें।
छींकते वक्त नाम और मुंह ढंकें।
सर्दी या फ्लू से संक्रमित लोगों के पास जाने से बचें {अगर मांस खाना है तो उसे पूरी तरह से पका कर ही उपयोग करें।
जीवित जंगली या पालतू पशुओं से दूर रहने का प्रयास करें।
अस्पताल के स्टाफ बरतें एहतियात
संक्रमित मरीजों को अलग रखा जाए। {मेडिकल मास्क, दस्ताने और गाउन पहनें, आंखों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें।
मरीजों के संपर्क में आने के बाद मेडिकल उपकरणों को साफ रखें। {मरीजों से संपर्क में आने के बाद हाथ साफ करें।