अन्नदाताओं को लेकर भूमिपुत्र का अन्नत्याग, परिवारों के प्रति व्यक्त की संवेदना

वाशिम  अन्नदाताओं को लेकर भूमिपुत्र का अन्नत्याग, परिवारों के प्रति व्यक्त की संवेदना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-20 13:13 GMT
अन्नदाताओं को लेकर भूमिपुत्र का अन्नत्याग, परिवारों के प्रति व्यक्त की संवेदना

डिजिटल डेस्क, वाशिम.19 मार्च का दिन किसानों के जीवन के काले दिन के रुप में मनाया जाता है । रविवार 19 मार्च को भूमिपुत्र किसान संगठन की ओर से संस्थापक अध्यक्ष विष्णुपंत भुतेकर के नेतृत्व में स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष एक दिवसी अन्नत्याग आंदोलन कर आत्महत्याग्रस्त किसानों के संवेदना व्यक्त की गई । बाद में शाम को वरिष्ठ किसान नेता गजानन अहमदाबादकर के हाथों आंदोलनकारियों को ज्युस पिलाकर आंदोलन समाप्त किया गया ।

19 मार्च 1986 को यवतमाल जिले के चिलगव्हाण में साहबराव करपे ने अपने परिवार के साथ सामुहिक आत्महत्या की थी । यह शासन द्वारा दखल ली गई प्रथम सामुहिक किसान आत्महत्या थी । उस दिन से शुरु हुआ किसान आत्महत्या का सिलसिला जारी है जो अब काफी बढ़ गया है । व्यवस्था से त्रस्त होकर हर 8 घंटे में एक किसान आत्महत्या कर रहा है । किसानों की आय दुगनी करने की बात कहनेवालों ने आय तो दुगनी नहीं की लेकिन किसानों की आत्महत्या मात्र दुगनी हो गई । चना, सोयाबीन, कपास, प्याज़ के भाव गिरने से राज्य के किसानों पर संकट और अधिक गहरा हो गया । अत्महत्याग्रस्त किसानों को श्रध्दांजलि देने और किसानों को स्वतंत्रता दिलवाले के लिए किसानपुत्र आंदोलन के प्रणेता अमर हबीब के माध्यम से शुरु हुआ आंदोलन अधिक तीव्र किया जाएंगा ।

रविवार को भूमिपुत्र के राज्य उपाध्य विश्वनाथ शेवाले, प्रवक्ता डा. जितेंद्र गवली, जिलाध्यक्ष रामेश्वर अवचार, स्वाभिमानी के विदर्भ अध्यक्ष दामुअण्णा इंगोले, नारायण विभूते, विलास गावंडे, प्रशांत मानधने, वाशिम तहसीलाध्यक्ष संतोष सुर्वे, युवक जिलाध्यक्ष सचिन काकडे, गजानन काकडे, विनोद घुगे, शिवाजी कढणे, भागवत मापारी, सचिन वायचाल, रवी अवचार, शरद अवचार, लक्ष्मण अवचार, सोपान जाधव, विशाल मापारी, संदीप अवचार, गजानन शिंदे, संजय लहाने, गणेश आंधले, सपना ढाकणे, विष्णू बाजड, देव इंगोले, राहुल अवचार, शुभम अवचार, गणेश आंधले, बालाजी गोटे, उदयभान लांडगे इत्यादी कार्यकर्ताओं ने दिनभर अन्न त्याग कर आंदोलन में शामिल हुए । आंदोलन के बाद अधिकतम ज़मीन धारणा कानून रद्द करने, ज़मीन अधिग्रहण कानून रद्द करने, आवश्यक वस्तु कानून समाप्त करने, कृषिपम्पों को नि:शुल्क व आवश्यक बिजली देने (बिजली काटने से राज्य की प्रथम सह परिवार आत्महत्या हुई थी) आदि मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया ।

 

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