एसएनसीयू के हालात... एक वॉर्मर में तीन शिशुओं को भर्ती कर दे रहे इलाज- फोटो बीके
छिंदवाड़ा एसएनसीयू के हालात... एक वॉर्मर में तीन शिशुओं को भर्ती कर दे रहे इलाज- फोटो बीके
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में २० बेड की क्षमता वाले एसएनसीयू में क्षमता से लगभग तीन गुना अधिक नवजात भर्ती हैं। यूनिट में एक वॉर्मर (बेड) पर तीन शिशुओं को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। जन्म के बाद कमजोर, पीलिया और अतिगंभीर बीमार शिशुओं को यूनिट में भर्ती कर बेहतर इलाज दिया जाता है। मेडिकल कॉलेज से जुडऩे के बाद यूनिट में पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ी है लेकिन संसाधन और सुविधाएं अभी भी जिला अस्पताल स्तर की ही उपलब्ध है। ऐसे में यूनिट में शिशु मृत्युदर १० से १२ प्रतिशत प्रतिमाह का बना हुआ है।
यूनिट प्रभारी डॉ.अंशुल लाम्बा ने बताया कि गायनिक वार्ड में रोजाना ४० से अधिक डिलेवरी होती है। जन्म के बाद कई बच्चे काफी कमजोर होते है जिन्हें वॉर्मर में रखकर इलाज दिया जाता है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से जुडऩे पर सिवनी, बालाघाट, बैतूल और नरङ्क्षसहपुर से भी गंभीर बच्चों को रेफर कर छिंदवाड़ा भेजा जाता है। ऐसे में यूनिट में क्षमता से तीन गुना पेशेंट भर्ती है। एक वॉर्मर पर तीन बच्चों को रखकर इलाज दिया जा रहा है।
शिशुओं में इंफेक्शन का खतरा-
एक वॉर्मर में एक से अधिक बच्चों के भर्ती करने से इंफेक्शन की संभावना बढ़ गई है। इस संबंध में यूनिट प्रभारी डॉ.लाम्बा का कहना है कि इंफेक्शन की संभावना रहती है लेकिन अभी यूनिट की इंफेक्शन दर काफी कम २४ प्रतिशत है।
इलाज के लिए संसाधनों की दिक्कतें-
यूनिट की क्षमता बीस बेड की है। यहां बेड की क्षमता के मुताबिक बच्चों के डायपर, सीरिज समेत अन्य जरुरी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। क्षमता से तीन गुना अधिक बच्चे भर्ती होने पर जरुरत की सामग्रियों के लिए स्टाफ को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।
अतिरिक्त बीस बेड बढ़ाने की तैयारी-
सीएस डॉ.शिखर सुराना ने बताया कि पिछले दिनों कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने वीसी के दौरान कमिश्नर से यूनिट में अतिरिक्त बेड बढ़ाने को लेकर चर्चा की थी। यूनिट में जल्द बीस अतिरिक्त बेड बढ़ाने कवायद शुरू की जाएगी।