स्टैंड-अप कॉमेडियन सुनील पाल ने कसा वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर व्यंग्य
स्टैंड-अप कॉमेडियन सुनील पाल ने कसा वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर व्यंग्य
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। स्वच्छता तन, मन और विचारों में होनी चाहिए, तभी समाज को स्वच्छ रखा जा सकता है। इसकी शुरूआत मन से होनी चाहिए। मध्य प्रदेश में 2 दिन पहले स्वच्छता की शुरूआत हो चुकी है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और चुनाव के नतीजों को देखते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में यह बात कही मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन और एक्टर सुनील पाल ने, जो स्मार्ट सिटी और नगर निगम द्वारा आयोजित एक शाम स्वच्छता के नाम में प्रस्तुति देने शहर आए। विशेष बातचीत के दौरान तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मप्र में एक बात बहुत अच्छी है कि यहां पर बुजुर्गों का सम्मान किया जाता है। यहां मुख्यमंत्री किसी जवान व्यक्ति को भी बनाया जा सकता था, लेकिन उन्होंने बुजुर्ग को चुना। अब यह देखकर हो सकता है कि आडवाणी जी कांग्रेस ज्वॉइन कर लें, क्योंकि उनकी पार्टी तो उन्हें पीएम बनाने से रही। न्यू कमर्स के लिए सुनील ने कहा कि सब अच्छा काम कर रहे हैं। अगर हम स्टैंड-अप कॉमेडी के पेड़ हैं, तो हमारे दिग्गज उसकी जड़ें हैं और नए कलाकार पत्ते हैं, जिनकी वजह से हरियाली है।
हंसाना मेरा नेचर
कोई भी व्यक्ति अपने नेचर के मुताबिक ही काम चुनता है। मैंने अपना नेचर चुना और हास्य कलाकार बना। हर कलाकार एक आम आदमी होता है, इसलिए हर जगह हँसाना जरूरी नहीं, लेकिन हम हर वक्त कुछ न कुछ सीखते रहते हैं। मेरा टीवी से फिल्मों तक सफर बहुत शानदार रहा। स्टेज, टीवी, फिल्मों से लेकर सोशल मीडिया तक दर्शकों का बहुत प्यार मिला। करंट टॉपिक्स को लेकर सोशल मीडिया पर कटाक्ष करता ही रहता हूं। केके नायकर और जॉनी लीवर जैसे महागुरुओं को देखकर सीखा है। यह सौभाग्य है कि उनका स्नेह मिलता रहता है।
साफ-सुथरी कॉमेडी, क्योंकि मंच मंदिर की तरह
स्टैंड-अप कॉमेडी पर समय के साथ हुए बदलाव पर सुनील ने कहा कि बदलाव हर जगह हो रहा है, परिवर्तन संसार का नियम है, इसे स्वीकारना चाहिए। अगर आज स्टैंड-अप कॉमेडी में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग हो रहा है, कोई गंदी चीज पसंद की जा रही है, तो आर्टिस्ट से ज्यादा दर्शक जिम्मेदार हैं। हम तो मंच को मंदिर समझते हैं और साफ-सुथरा कंटेंट ही लेकर आते हैं।