कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये -

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये -

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-17 09:43 GMT
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डिजिटल डेस्क, अलिराजपुर। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती सुरभि गुप्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत अलीराजपुर जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। उक्त आदेश के तहत सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनीतिक, रामलीला एवं रावण दहन आदि कार्यक्रम मैदान के आकार को दृष्टिगत रखते हुए फेस मास्क, सोशल डिस्टेन्सींग, सैनेटाइजर एवं थर्मल स्क्रेनिंग की व्यवस्था का पालन करते हुए सशर्त 100 से अधिक संख्या के जन समूह के कार्यक्रमो हेतु अनुमति अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा प्रदान की जाएगी। आदेश के तहत उक्त प्रकार के कार्यक्रम कन्टेन्मेंट जोन में आयोजित नहीं किये जा सकेंगे। कार्यक्रमों की अनुमति हेतु आयोजकों को अनुविभागीय दंडाधिकारी को लिखित में आवेदन करना आवश्यक होगा तथा आवेदन में कार्यक्रम की तिथि, समय, स्थान एवं संभावित संख्या का उल्लेख करना आवश्यक होगा। तदनुसार अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा विचारोपरान्त कार्यक्रम की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसमें संख्या एवं शर्तों का पालन कराने की जवाबदारी आयोजकों की होगी। वहीं आयोजन की विडियोग्राफी आवश्यक रूप से कराकर आयोजकों को 48 घंटों में संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी को उपलब्ध कराना होगी। जिले में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन आदि प्रतिबंधित रहेंगे। धार्मिक स्थानों पर जहां बंद कक्ष अथवा हॉल में श्रृद्धालु एकत्र होते है, वहां अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर इस प्रकार अधिकतक सीमा नियत की जा सकेगी, जिसमें उपलब्ध स्थान में श्रृद्धालुओं के मध्य दो गज दूरी सुनिश्चित करते हुए पूजा, अर्चना की जा सकें, किन्तु उक्त संख्या किसी भी स्थिति में एक समय में 200 से अधिक नहीं होगी। साथ ही धार्मिक स्थल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 रोकथाम के तारतम्य में फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन धर्मावलम्बियों से कराई जाए। बिना अनुमति के 100 से अधिक जन समूह के कार्यक्रम करने अथवा प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तों के उल्लंघन तथा उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा, जिसके तहत कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

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