जोबट में भिलाला और अलीराजपुर में भीलों के हाथों में होता है चुनाव का फैसला

  • आदिवासी बाहुल्य आबादी वाला इलाका अलीराजपुर
  • आदिवासियों के हाथों में होती है हार जीत
  • बीजेपी कांग्रेस के लिए जयस बनेगा मुसीबत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-07 13:15 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 17 मई 2008 को झाबुआ जिले से अलग होकर अलीराजपुर को जिला बनाया गया था। मालवा क्षेत्र में स्थित अलीराजपुर की सीमा गुजरात और महाराष्ट्र से लगी हुई है। आदिवासी बाहुल्य के इस जिले कि भौगोलिक स्थिति पहाड़ी है। अलीराजपुर व्यापार के हिसाब से भीलों का केंद्र है। यहां की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है। आम की दुर्लभ प्रजाति नूर जहां के मात्र जिले में चार पेड़ बचें है। बिजली, पानी, स्वास्थ्य के साथ बुनियादी सुविधाओं की कमी है। बेरोजगारी और पलायन यहां की प्रमुख समस्या है। आदिवासियों की धार्मिक मान्यता किसी भी धर्म से मेल नहीं खाती, मूर्ति पुजा यहां नहीं होती, मूर्ति पूजा की जगह यहां पहाड़, झरना और बाबादेव की पूजा होती है। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जन्म स्थली ग्राम भावरा है।

अलीराजपुर जिले में दो विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर और जोबट है। यहां भील, भिलाला, मानकर, बारेला, धानक व कोटवाल जनजाति के लोगों की बहुलता अधिक है। जिले का नाम पूर्व रियासत की राजधानी पर रखा गया है। जय आदिवासी युवा शक्ति जिसे जयस कहा जाता है , चुनावी मैदान में बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है।

अलीराजपुर विधानसभा सीट

अलीराजपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 2003 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी । 2003 ,2008,2013 में बीजेपी के नागर सिंह चौहान ने सीट को जीता और बीजेपी का गढ़ बना दिया था, लेकिन 2018 में एक बार फिर कांग्रेस ने जीत दर्ज की । अलीराजपुर विधानसभा सीट पर ओबीसी समुदाय की संख्या सबसे कम है। 2.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इसके अलावा जिले की कुल आबादी 87 फीसदी अनुसूचित जनजाति, व 4 फीसदी अनुसूचित जाति है। भील शब्द की उत्पति द्रविड़ भाषा के बील शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है धनुष। भील मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है।

2018 में कांग्रेस से मुकेश रावत

2013 में बीजेपी से नागर सिंह चौहान

2008 में बीजेपी से नागर सिंह चौहान

2003 में बीजेपी से नागर सिंह चौहान

जोबट विधानसभा सीट

जोबट विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आऱक्षित है। जोबट विधानसभा में 97 फीसदी आदिवासी हैं। भील, भिलाला और पटलिया इस इलाके की प्रमुख जनजातियां हैं। इस विधानसभा में वोटर्स में 40 फीसदी भील, 5 फीसदी पटलिया हैं वहीं 55 फीसदी मतदाता भिलाला समाज के हैं। जोबट में भिलाला समाज के वोटर का दबदबा है, भिलाला समाज ही चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाता है।

2021 उपचुनाव में बीजेपी से सुलोचना रावत

2018 में कांग्रेस की कलावती भूरिया

2013 में बीजेपी के माधव सिंह डाबर

2008 में कांग्रेस की सुलोचना रावत

2003 में बीजेपी के माधो सिंह

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