जमीन पर गिरी बर्फ जुटाकर लेटबाथ में कर रहे उपयोग
छिंदवाड़ा जमीन पर गिरी बर्फ जुटाकर लेटबाथ में कर रहे उपयोग
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जंग के दसवें दिन यूकेे्रन में फंसी छिंदवाड़ा की छात्रा का एक वीडियो सामने आया है। जो वहां के गंभीर हालातों को बयां करते हुए भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रही है। पिपलानारयणवार निवासी परिवार भी बेटी से संपर्क टूटने के कारण परेशान है। पूरा परिवार टीवी के सामने टकटकी लगाए हुए बेटी के सेफ जोन में पहुंचने का इंतजार कर रहा है।
पिपलानारायणवार निवासी डॉक्टर प्रभास सरकार ने बताया कि उनकी बेटी इशिका
यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र सूमी स्टेट में है। सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर की छात्रा है। हॉस्टल छोडक़र वह एक बंकर में रह रही है। यह इलाका रूसी बार्डर से महज ३० से ४० किलोमीटर की दूरी पर है। बेटी इशिका ने शुक्रवार रात को एक वीडियो क्लिप भेजी है। जिसमें उसने बताया कि यहां ब्लैक आऊट हो चुका है। उसके साथ मौजूद भारतीय छात्राएं व छात्र कठिन दौर से गुजर रहे हैं। पीने के पानी के लिए करीब २ किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है। लेटबाथ के लिए पानी नहीं है, इसीलिए हम लोग जमीन पर जमी बर्फ को जुटाकर उसे पिघलाते है, फिर निस्तार में उपयोग कर रहे हैं। खाना व पानी की कमी है। धमाकों की आवाज से सभी छात्र-छात्राएं दहशत में है। बार्डर पर बसें खड़ी हैं, लेकिन सेफ पेसेज नहीं मिल पा रहा है। इशिका समेत सभी भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वे उन्हें यहां से निकालने में मदद करें। इधर पीडि़त परिवार बेहद परेशान है, सूमी में बढ़ते हमलों से परिवार भी सहम गया है।
११ में से ४ स्टूडेंट लौट आए छिंदवाड़ा
जिले के १० स्टूडेंट्स समेत एक परिवार यूके्रन से निकलकर सेफ जोन में पहुंच चुका हैं। चार स्टूडेंट्स छिंदवाड़ा लौट आए हैं।