48 घंटे से बोरवेल में फंसा है बच्चा -25 घंटे से अचेत, सीसीटीवी से निगरानी

48 घंटे से बोरवेल में फंसा है बच्चा -25 घंटे से अचेत, सीसीटीवी से निगरानी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-06 09:06 GMT
48 घंटे से बोरवेल में फंसा है बच्चा -25 घंटे से अचेत, सीसीटीवी से निगरानी

डिजिटल डेस्क टीकमगढ़ । 4 साल का बच्चा प्रहलाद दो दिन से बोरवेल में फंसा हुआ है। वह 200 फीट गहरे बोरवेल में करीब 59 फीट पर फंसा है। गुरुवार रात 8.45 बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद उसे निकाला नहीं जा सका। अपरांह ढ़ाई बजे तक की स्थिति में 24 फुट सुरंग खोदी जानी है और 8 फुट तक का कार्य हो चुका था स्थल पर  बड़ी मशीन चल नहीं पा थी जिससे  छोटी ड्रिल मशीन और हाथों से खुदाई की जा रही है।  बच्चे के पास पहुंचते ही फिर हांथों से मिट्टी हटाई जाएगी । मौके पर सैकड़ों गांव वालों के साथ एचडीईआरएफ, एनडीआरएफ और आर्मी की टीम निकालने की कोशिशों में जुटी हंै। बुधवार की रात 7 बजे से वह स्थिर बताया जा रहा है। वहीं जिला प्रशासन की बदइंतजामी के कारण 65 फीट गहराई में 20 फीट की सुरंग बनाने के लिए रेस्क्यू टीम के पास मशीन नहीं है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी बीना, सागर, झांसी और भोपाल से संपर्क करना बता रहे हैं।   मानवीय प्रयास से आगे का कार्य जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है । सैतपुरा निवासी हरकिशन कुशवाहा के बेटे प्रहलाद कुशवाहा (4) को बोर से बाहर निकालने में सरकारी मशीनरी की बड़ी लापरवाही गुरुवार की शाम को सामने आई है। वर्टिकल जाने के बाद हॉरेजेंटल जाने के लिए रेस्क्यू टीम के पास मशीन नहीं है। इसलिए जिला प्रशासन बच्चे को निकालने में 7-8 घंटे और लगने का समय बता रहे हंै। 60 फीट से हॉरिजोंटल खुदाई में धमक के कारण बच्चे के फिसलने के डर से 65 फीट गहराई में जाकर सुरंग बनाने की जानकारी दी जा रही है, लेकिन सुरंग खोदने के लिए रेस्क्यू टीम के पास मशीन नहीं है। अधिकारी वन विभाग की मशीन लाने की सफाई दे रहे हैं, लेकिन परिस्थिति के हिसाब से वह खुदाई करने में सक्षम नहीं है। हद तो यह है कि इतने संवेदनशील मामले में जिला प्रशासन के पास कोई प्लान-2 नहीं है। जब सुरंग खोदने की आवश्यकता आन पड़ी, तो सुरंग खोदने वाली मशीन के लिए संपर्क किया जा रहा है। इधर, रात 8 बजे खुदाई 60 फीट के करीब पहुंचने के साथ ही प्रशासन ने बच्चे को बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रहलाद के पिता हरिकिशन कुशवाहा से पंचनामा पर हस्ताक्षर कराए गए। मिली जानकारी के अनुसार रात करीब 8.45 बजे सुरंग खोदने के लिए मशीन के अभाव में काम बंद हो गया। बीना से ड्रिल मशीन शाम को करीब 4 बजे रवाना हुई थी। उसका सैतपुरा में इंतजार किया जा रहा था। वहीं कलेक्टर आशीष भार्गव का कहना है कि बच्चे को बराबर ऑक्सीजन दिया जा रहा है। बच्चा 60 फीट से धमक के कारण और नीचे न चला जाए, इसलिए सारे सुरक्षा उपाय लेकर हम चलना चाह रहे हैं। 
प्रदेशभर में दुआओं का दौर जारी
इधर प्रहलाद के लिए अब पूरे प्रदेश में दुआओं का दौरा जारी हो गया है। परिजन पूरी तरह से परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें? वहीं, प्रहलाद के यहां गांव वालों का भी तांता लगा हुआ है। गांव वाले भी उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। पूर्व सीएम सीएम कमलनाथ ने उसकी सलामती के लिए दुआ की है। वहीं,  सीएम शिवराज से उसे बचाने के लिए हर संभव कोशिश किए जाने के निर्देश दिए हैं।

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