सरकारी स्कूलों में घट रहे बच्चे, 6 साल में कम हुई 35 हजार दर्ज संख्या
सरकारी स्कूलों में घट रहे बच्चे, 6 साल में कम हुई 35 हजार दर्ज संख्या
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । सरकारी स्कूलों के प्रति मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था भी बच्चों को आकर्षित नहीं कर पाई है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 6 सालों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत बच्चों की दर्ज संख्या में 35 हजार कम हुई हैं। शासन द्वारा बच्चों को पोष्टिक आहार एवं दूध की व्यवस्था भी किए जाने का कोई असर नहीं दिख रहा है।
मध्यान्ह भोजन की मानीटरिंग
जिला शिक्षा केन्द्र के सूत्रों के अनुसार अच्छा और गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए मानीटरिंग भी की जाती है। वर्तमान में बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन का सेंपल प्रतिदिन रखा जाता है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की स्थिति न रहे।
शिकायतों की भी भरमार
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 4 सौ शिकायतें मध्यान्ह भोजन के संबंध में आती है। इसमें गंभीर शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए समूह का परिवर्तन किया जाता है। यहां भी मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन दिए जाने का दावा किया जाता है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 6 सालों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत बच्चों की दर्ज संख्या में 35 हजार कम हुई हैं।
जांच में जिला फिसड्डी
कक्षा 1 से 8 तक पढऩे वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का जिम्मा स्वास्थ्य कर्मियों के हवाले है। अमूमन साल में एक बार प्रत्येक परीक्षण होना चाहिए, लेकिन सभी स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाता। वहीं कागजी तौर पर सभी को स्वस्थ ही बताया जाता है।
दर्ज संख्या में कमी एक नजर में
वर्ष बालक बालिका
2011-12 64965 69024
2012-13 62210 65999
2013-14 59771 63165
2014-15 55752 58984
2015-16 50975 54183
2016-17 47747 50971
इनका कहना है
निजी स्कूलों में भी गरीब तबके के बच्चों का योजना के तहत प्रवेश कराया जा रहा है। संभवत: इन बच्चों की संख्या घटने के कारण भी बीते सालों में शासकीय स्कूलों की दर्ज संख्या में कमी जरूर आई है।
एसके कोष्टी परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र नरसिंहपुर