छतरपुर, सागर व दमोह मिलकर करेंगे दो हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन
छतरपुर, सागर व दमोह मिलकर करेंगे दो हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन
ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्री श्री डंग ने खजुराहो में की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक, छतरपुर में सोलर सिस्टम लगाने 19 हैक्टेयर जमीन आवंटित
डिजिटल डेस्क छतरपुर । प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने गुरूवार को खजुराहो सर्किट हाउस में संभाग स्तरीय विभागीय बैठक की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत और आत्म निर्भर मध्य प्रदेश बने इस दिशा में देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्राथमिकता है। उसी क्रम में नवकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण विभाग द्वारा कार्य शुरू किए गए हैं। संभागीय स्तरीय बैठक में शुरू की गई परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों की जिलेवार समीक्षा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि 2000 मेगावाट सोलर प्लांट का कार्य शीघ्र किया जाए साथ ही यह भी सुनिश्चि किया जाए कि इन परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार मिले। समीक्षा बैठक में श्री डंग ने निर्देश दिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, पंचायत, पुलिस एवं अन्य विभागों के भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की कार्यवाही प्राथमिकता से की जाए। छतरपुर जिले में करीब 19 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जबकि सागर एवं दमोह में भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है। बिजली पैदा करने के लिए मुख्य सोर्स ग्राउण्ड माउंटेंस सोलर सिस्टम इसमें लगाए जाएंगे।
2 हजार मेगावाट बनेगी बिजली
समीक्षा बैठक में जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी पीके जैन ने बताया कि सागर संभाग में रेस्को परियोजना में लक्ष्य के विरूद्ध 10 गुना उपलब्धि अर्जित की गई है। छतरपुर जिले में 500 किलोवाट, सागर में 1000 किलोवाट तथा दमोह एवं पन्ना में 500 किलोवाट के लक्ष्य के विरूद्ध 22 हजार किलोवाट का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। इसके लिए मंत्री हरदीप सिंह डंग ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने इस योजना के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक मेंं जिला अक्षय ऊर्जा सागर के पीके जैन ने बताया कि बुंदेलखण्ड सोलर पार्क योजना में 2 हजार मेगावाट बिजली बनेगी। इस योजना के लिए सागर, दमोह एवं छतरपुर का चयन किया गया है।
प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश
सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा पैदा की जाएगी। उसे मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल अपनी आवष्यकता के अनुसार उपयोग करेगा और जहां बिजली की कमी है वहां उपयोग होगा। इसी प्रकार स्थानीय क्षेत्र में जो बिजली होगी उसका उपयोग किया जाएगा और जहां बिजली नहीं है उन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति होगी। बैठक में गरीब कल्याण और कुसुम ए और बी योजना, मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना तथा रेस्को मॉडल सोलर पावर प्लांट योजना की समीक्षा की गई। ऊर्जा विकास निगम के अधिकारी ने स्ट्रीट लाईट और होम लाईट योजना के रेट्स एवं वेण्डर्स शासन स्तर से दिलाने का आग्रह किया। विभागीय मंत्री ने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इसी तरह ऐसे संयंत्र जो वर्तमान में कार्यशील नहीं हैं उन्हें प्राथमिकता से सुधारते हुए कार्यशील करने पर जोर दिया गया। इसी तरह सोलर होम लाईट एवं स्ट्रीट लाईट की परियोजनाएं प्रदेश में पुन: शुरू की जा सकें इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया।