जाति प्रमाणपत्र जमा नहीं किया इसलिए नहीं मिला सर्टिफिकेट, हाईकोर्ट से राहत नहीं 

जाति प्रमाणपत्र जमा नहीं किया इसलिए नहीं मिला सर्टिफिकेट, हाईकोर्ट से राहत नहीं 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-28 13:10 GMT
जाति प्रमाणपत्र जमा नहीं किया इसलिए नहीं मिला सर्टिफिकेट, हाईकोर्ट से राहत नहीं 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरक्षित सीट पर प्रवेश लेने के बाद जाति वैधता प्रमाणपत्र न पेश करनेवाली छात्रा को राहत देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है की छात्रा को इस शर्त पर प्रवेश दिया गया था कि वह अपनी जाति वैधता का प्रमाणपत्र पेश करेगी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया है। ऐसे में यदि छात्रा का जाति को लेकर दावा झूठा पाया जाता है तो कानूनी रुप से उसका दाखिल अवैध माना जाएगा। इस स्थिति में उसका प्रवेश भी रद्द हो सकता है।

वहीं पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीट पर बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाली छात्रा पूनम शेठ (परिवर्तित नाम) ने दावा किया था कि उसने कमेटी के पास जाति वैधता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी कमेटी ने अब तक अपना निर्णय नहीं लिया है वह आगे स्नातकोत्तर की पढ़ाई करना चाहती है। इसलिए बाबा साहेब आंबेडकर टेक्नोलाजी यूनिवर्सिटी को उसकी मार्कशीट व डिग्री सर्टिफिकेट तथा अन्य मौलिक दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया जाए। 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अविनाश पाटील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की कोई गलती नहीं है। इसलिए यूनिवर्सिटी को दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया जाए। ताकि वह अपनी आगे की पढ़ाई को पूरा कर सके। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने कहा कि छात्रा को प्रवेश देने की शर्त थी कि वह अपनी जाति वैधता का प्रमाणपत्र पेश करेगी।

छात्रा ने भी आश्वासन दिया था कि वह जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश करेगी, लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उसने जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं पेश किया है। इसलिए डिग्री न देनेवाली यूनिवर्सिटी को गलत नहीं माना जा सकता है। चूंकि छात्रा ने आरक्षित सीट पर प्रवेश लिया है। लिहाजा भविष्य में यदि जाति को लेकर छात्रा का दावा गलत पाया जाता है तो उसका एडमिशन भी रद्द हो सकता है। यह कहते हुए बेंच ने छात्रा की याचिका को खारिज कर दिया। 

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