महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी में भरपूर एडमिशन दिए जा रहे, लेकिन छात्रों को आधार-भूत सुविधाएं देने के प्रति गंभीर नहीं है प्रबंधन
विद्यार्थी परेशान महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी में भरपूर एडमिशन दिए जा रहे, लेकिन छात्रों को आधार-भूत सुविधाएं देने के प्रति गंभीर नहीं है प्रबंधन
डिजिटल डेस्क,छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को महाराजा कॉलेज के संसाधन मिलने के बाद भी छात्रों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन लगातार छात्रों को प्रवेश तो रहा है, लेकिन सुविधाओं के विस्तार में यूनिवर्सिटी प्रशासन की कोई रुचि नहीं है। ऐसे में यहां छात्र-छात्राएं प्यासे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। पेयजल की व्यवस्था के नाम पर यूनिवर्सिटी में तीन मटके कई माह से रखे हुए हैं। एक वॉटर कूलर है। इसमें भी गर्म पानी आ रहा है। गौरतलब है कि महाराजा कॉलेज को यूनिवर्सिटी में मर्ज करने के बाद यहां एडमिशन तो मनमाने ढंग से हो रहे हैं, लेकिन पढ़ने वाले विद्यार्थी सुविधाओं को मोहताज हैं।
दिनभर प्यासे रहते हैं छात्र-छात्राएं
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में स्नातक प्रथम वर्ष में करीब 3 हजार छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया है। वर्तमान में यूजी और पीजी में यहां लगभग 15 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन छात्र-छात्राओं से प्रवेश फीस लेने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई है। महाराजा कॉलेज के विलय होने के बाद जो संसाधन मिले हैं। उन्हीं से यूनिवर्सिटी प्रशासन काम चला रहा है, जबकि यूनिवर्सिटी के पास पर्याप्त बजट होने के बाद भी सुविधाएं मुहैया कराने की ओर ध्यान नहीं है। यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए अन्य व्यवस्थाएं तो दूर पेयजल तक की व्यवस्था नहीं कराई गई है। पूरे परिसर में पिछले छह माह से तीन गंदे मटका रखे हुए हैं। इनके अलावा तो प्लास्टिक की टंकियां रखी हैं, जिनकी सफाई कई माह से नहीं हुई है। एक वॉटर कूलर है। बुधवार को जब इसे देखा गया तो इसमें पानी गरम आ रहा था। प्लास्टिक की टंकियों और मटकों का पानी पीने योग्य नहीं है। केवल एक वॉटर कूलर से लगभग 15 हजार छात्र-छात्राओं को प्यास बुझाना पड़ रही है।
टायलेट के लिए परेशान छात्राएं
यूनिवर्सिटी परिसर में प्रशासन अब तक टायलेट तक की व्यवस्था नहीं कर सका है। यहां पर महाराजा कॉलेज के दौरान बने टायलेट ही हैं। इनमें से अधिकांश गंदे और अस्त-व्यस्त हैं। सबसे बड़ी समस्या यहां टायलेट को लेकर छात्राओं को है। छात्राओं के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्थित टायलेट तक नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में पूरे दिन छात्राएं बेहद परेशानी का सामना कर रही हैं।
निर्धारित संख्या से अधिक प्रवेश, फर्नीचर का अभाव
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में लगभग 15 हजार छात्रों को प्रवेश दे दिया गया है, लेकिन यहां फर्नीचर की व्यवस्था नहीं की गई है। महाराजा कॉलेज का फर्नीचर मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा नया फर्नीचर तक नहीं बनवाया गया है जबकि छात्र संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
समस्याओं का निदान होगा
यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं। प्रत्येक विभाग में पेयजल व्यवस्था है। टायलेट भी बने हैं। अगर गंदे हैं तो सफाई कराई जाएगी।
-डॉ.जेपी मिश्रा, रजिस्टार, एमसीबीयू, छतरपुर