सिल्लेवानी घाटी में भू-स्खलन...बोल्डर टो वॉल बनाई, जीआई वायर से कसा फिर भी घाटी में दरक रही सडक़
छिंदवाड़ा सिल्लेवानी घाटी में भू-स्खलन...बोल्डर टो वॉल बनाई, जीआई वायर से कसा फिर भी घाटी में दरक रही सडक़
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा । नेशनल हाइवे ५४७ छिंदवाड़ा से नागपुर मार्ग पर सिल्लेवानी घाटी में फिर भू-स्खलन से सडक़ दरक रही है। करीब ५० मीटर के हिस्से में साइड सोल्डर पूरी तरह से धंस गया है। जबकि कुछ हिस्से में डामर की सडक़ भी धंसकर खाई में समा गई गई है। वर्ष २०२० में यहां भू-स्खलन से हाइवे का करीब डेढ़ सौ मीटर का हिस्सा धंस गया था। लैंड स्लाइडिंग से सडक़ किनारे लगे लोहे के साइड गार्ड और संकेतक धंसकर खाई में समा गए थे। इसके बाद नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया ने घाटी में नीचे पत्थर की पिचिंग यानी बोल्डर टो वॉल खड़ी की थी। यह भी सक्सेस न होने पर तुरंत ही जेआई तार के जाल के सहारे पत्थर की मोटी वॉल खड़ी गई थी। वर्ष २०२१ में उक्त कार्य पूरा हो पाया था। जबकि इस बारिश में फिर से घाटी और सडक़ दोनों के दरकने की स्थिति बनने लगी है।
४० फीसदी तक नीचे खिसकी पत्थर की वॉल
छिंदवाड़ा से करीब ३५ वें किलोमीटर पर सिल्लेवानी घाट में लैंड स्लाइडिंग से सडक़ किनारे घाटी में खड़ी की गई पत्थर की वॉल ३० से ४० फीसदी तक नीचे खिसक गई है। कहा जा रहा है कि पत्थर की वॉल के बीच से पानी का रिसाव होने की वजह से ऐसी स्थिति बनी है।
रोड में क्रेक बढ़ते जा रहा, सुधार जरूरी
लैंड स्लाइडिंग की वजह से हाइवे पर के्रक बढ़ते जा रहा है। अभी करीब ५० मीटर के हिस्से में सडक़ डेमेज हुई है। एनएचएआई ने उक्त स्थान पर बोरियां जमाकर गुजरने वाले वाहनों को अलर्ट तो कर दिया है लेकिन ट्रेफिक को देखते हुए यहां जल्द सुधार की आवश्यकता बताई जा रही है।
सैकड़ों वाहन गुजरते हैं हर दिन
छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग सबसे व्यस्त कहलाता है। हेवी वाहनों के अलावा यहां से यात्री वाहन व छोटे चौपहिया वाहन सैकड़ों की संख्या में हर दिन गुजरते हैं। सडक़ किनारे तक मिट्टी धंसने की वजह से यहां दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है।
इनका कहना है...
॥बारिश के पानी का रिसाव होने की वजह से सिल्लेवानी घाटी में रोड पर क्रेक की स्थिति बनी है। जिस एजेंसी से दो साल पहले कार्य कराया गया था, उसका काम अभी फाइनल नहीं हुआ है। उसी एजेंसी से सुधार कार्य कराया जाएगा।