छतरपुर में नपा अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की ज्योति सुरेंद्र चौरसिया ने कांग्रेस को 22-18 के अंतर से परास्त कर दिया।
सभी 6 निकायों में जीती भाजपा छतरपुर में नपा अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की ज्योति सुरेंद्र चौरसिया ने कांग्रेस को 22-18 के अंतर से परास्त कर दिया।
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। छतरपुर में नपा अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की ज्योति सुरेंद्र चौरसिया ने कांग्रेस की शिवानी चौरसिया को 22-18 के अंतर से परास्त कर दिया। वहीं उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के विकेंद्र वाजपेयी ने कांग्रेस की आस्था गोस्वामी को 23-17 के अंतर से हराया। वहीं दोनों दलों की आपसी सहमति के आधार पर अपीली समिति में भाजपा के दीपेंद्र असाटी एवं कांग्रेस की शिवानी चौरसिया निर्विरोध चुने गए हैं। जिले में शुक्रवार को हुए चुनावों में सभी 6 नगरों में भाजपा ने बाजी मार ली है।
शहर के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि दोनों दलों में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई है। एक तरह से भाजपा, कांग्रेस के साथ ही निर्दलीयों की भूमिका भी खेला "होवे वाली" रही है। अध्यक्ष के चुनाव में दोनों दलों के प्रमुख दावेदारों पर क्रॉस वोटिंग का संदेह है, वहीं उपाध्यक्ष के चुनाव में उससे भी ज्यादा क्रॉस वोटिंग हुई है। अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को कम से कम 5 पार्षदों पर क्रॉस वोटिंग का संदेह है। वहीं कांग्रेस में भी 2-3 पार्षदों की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। वहीं उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के 6-7 पार्षदों पर क्रॉस वोटिंग का संदेह है, लेकिन इसकी भरपाई निर्दलीय और कांग्रेस के पार्षदों से हो गई। जिससे उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा का एक वोट बढ़ गया। बताया जाता है कि अध्यक्ष पद के भाजपा के एक दावेदार ने अध्यक्ष के चुनाव में तो क्रॉस वोटिंग की, लेकिन उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के लिए वोट किया।
11 पार्षदों वाली कांग्रेस को मिले 18 वोट
छतरपुर नगर पालिका पर भले ही भाजपा ने अपनी अधिकृत प्रत्याशी ज्योति सुरेन्द्र चौरसिया को अध्यक्ष का चुनाव जिता लिया, लेकिन यहां जीत इतनी आसान नहीं थी। यहां कांग्रेस ने भाजपा को तगड़ी टक्कर दी। पार्षद पदों के लिए हुए चुनावों के नतीजे को देखें तो पता लगता है कि छतरपुर नगर पालिका में भाजपा ने 22 वार्ड जीते थे जबकि कांग्रेस 11 वार्ड ही जीत सकी थी। यहां 1 प्रत्याशी बसपा से और 6 प्रत्याशी निर्दलीय तौर पर चुनाव जीते थे। कांग्रेस 11 पार्षद होने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ-साथ भाजपा के पार्षदों में भी सेंध लगा रही थी। भाजपा ने अपने पार्षदों को बचाने के लिए वोटिंग के एक दिन पहले ही शहर के एक होटल में रुकवाया। यहां भाजपा के संभागीय संगठन प्रभारी मुकेश चतुर्वेदी और पुष्पेंद्र प्रताप सिंह सहित स्थानीय नेताओं ने इन पार्षदों की सख्ती से घेराबंदी की।
शुक्रवार की सुबह जब निर्वाचन हुआ तो भाजपा को दावे के मुताबिक सफलता नहीं मिली। उन्हें 22 वोट ही मिले, जबकि इतने पार्षद उनके चुनाव ही जीते थे। इधर कांग्रेस की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शिवानी चौरसिया को 18 वोट ही मिल सके। दिलचस्प है कि कांग्रेस ने अपने 11 पार्षद में 7 पार्षद जोड़ लिए। उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के विकेन्द्र वाजपेयी को 23 वोट मिले और कांग्रेस की आस्था अरविंद गोस्वामी को 17 वोट मिले। इस तरह से ज्योति चौरसिया अध्यक्ष और विकेन्द्र वाजेपयी उपाध्यक्ष चुने गए। भाजपा के लिए संतोष की बात यह है कि पार्षदों के खेला होवे (खरीद-फरोख्त) वाले इस खेल में वे अपने दोनों प्रत्याशी सुरक्षित जिता ले गए, और नपा पर 20 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा। दोनों दलों के सूत्र बताते हैं कि ज्यादातार क्रॉस वोटिंग अध्यक्ष पद के दावेदारों, असंतुष्ट पार्षदों एवं आर्थिक रूप से कमजोर पार्षदों ने की है। इसमें भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी का लाभ भी कुछ हद तक कांग्रेस को मिला है। हालांकि कांग्रेस में भी व्याप्त गुटबाजी से भाजपा की सत्ता अंतत: कायम रही।
विद्यार्थी परिषद के पुराने कार्यकर्ता जीतेन्द्र वर्मा राजनगर के अध्यक्ष बने
राजनगर नगर परिषद में भारतीय जनता पार्टी ने अच्छी सामाजिक छवि वाले जीतेन्द्र वर्मा को अध्यक्ष बनवा लिया। यहां अध्यक्ष के लिए हुए निर्वाचन में भाजपा के जीतेन्द्र वर्मा को 8 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के महेन्द्र सोनी को 6 वोट ही मिल सके। एक वोट निरस्त हो गया। उपाध्यक्ष के तौर पर यहां भाजपा की रानी दीक्षित को 8 और कांग्रेस के शाहिद को 7 वोट मिले। अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले जीतेन्द्र वर्मा पेशे से टूरिस्ट गाइड हैं। वे कम से कम 3 विदेशी भाषाओं के जानकार हैं जो खजुराहो पर्यटन स्थल में विदेशियों को सैर कराने का काम करते हैं। जीतेन्द्र वर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वे 90 के दशक से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
बकस्वाहा में टाई के बाद पर्ची डालकर हुआ फैसला
बकस्वाहा में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा संघर्ष रहा। यहां दोनों ही पार्टियों को बराबर-बराबर वोट मिले जिसके बाद यहां पर्ची डालकर अध्यक्ष का फैसला हुआ जिसमें भाग्य ने भी भाजपा का साथ दिया। 15 वार्डों वाली बकस्वाहा नगर परिषद में भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी किरण ब्रजगोपाल रहीं जिन्हें 7 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस से प्रत्याशी बनाई गईं आशा वीरेन्द्र जैन को भी 7 वोट मिले। एक वोट खाली रहा। जिसके बाद प्रशासन ने यहां पर्ची डालकर अध्यक्ष का फैसला कराया। एक छोटी सी बच्ची ने पर्ची निकालकर विजेता का फैसला किया और भाग्य ने भाजपा का साथ दिया। इस तरह भाजपा की किरण ब्रजगोपाल सोनी अध्यक्ष चुनी गईं। वहीं उपाध्यक्ष के लिए भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाई गईं नीमा लोधी को 8 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा सोनी को 07 वोट ही मिल सके। इस तरह नीमा उपाध्यक्ष चुन ली गईं।
अनित्या सिंह को हराकर शोभा बनीं चंदला नगर परिषद की अध्यक्ष
नगर परिषद चंदला अजा महिला के लिए आरक्षित सीट थी। 15 वार्डों वाली परिषद में भाजपा प्रत्याशी शोभा खटीक को 9 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अनित्या सिंह को 6 वोट ही मिल सके। यहां उपाध्यक्ष पद पर भाजपा के हर्षित शुक्ला को 8 वोट व कांग्रेस की शोभा जीतेन्द्र दीक्षित को 7 वोट मिले। गौरतलब है कि भाजपा से पूर्व में नगर परिषद अध्यक्ष रहीं अनित्या सिंह इस बार कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। यहां भाजपा विधायक राजेश प्रजापति ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए समर्थकों के साथ जीत का जश्न मनाया। उल्लेखनीय है कि शोभा खटीक स्वयं भाजपा से ताल्लुक नहीं रखती थीं। उनके भाई अरविंद खटीक भाजपा में विभिन्न संगठनात्मक पदों पर रहे हैं। महिला सीट होने के कारण अरविंद की बहन को टिकिट दिया गया।
आखिरकार गुड्डी जाहर सिंह निर्विरोध अध्यक्ष बनीं
घुवारा में सहकारिता क्षेत्र में कार्यरत जाहर सिंह का जोड़-तोड़ आखिरकार काम कर गया और उन्होंने अपने दम पर यहां कांग्रेेस को बुरी तरह समेट दिया। नगर परिषद में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी गुड्डी जाहर सिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गईं। 15 वार्डों वाली इस परिषद में भाजपा के 5, कांग्रेस के 4, आप 1 एवं 5 निर्दलीय पार्षद जीतकर आए थे, लेकिन पिछले दिनों 4 निर्दलीय, 1 आप व 3 कांग्रेसी पार्षदों ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने भाजपा की सदस्यता ले ली थी जिसके बाद यहां भाजपा के 13 पार्षद हो गए थे। घुवारा में उपाध्यक्ष के लिए मतदान किया गया। इसमें भाजपा की ओर से कुसुम जगन कुशवाहा को 6 वोट, कांग्रेस के निर्मल जैन को 6 एवं एक निर्दलीय पार्षद तुलसी लोधी को 02 वोट मिले जबकि एक वोट निरस्त कर दिया गया। टाई होने पर पर्ची निकालकर उपाध्यक्ष का फैसला किया गया जिसमें भाजपा की कुसुम उपाध्यक्ष चुनी गईं।
हरपालपुर : कांग्रेस से भाजपा में आए अमित अग्रवाल निर्विरोध अध्यक्ष बने
हरपालपुर में कांग्रेस के वफादार कार्यकर्ताओं में शामिल स्थानीय विधायक नीरज दीक्षित के बेहद करीबी अमित अग्रवाल ने ऐन वक्त पर पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्हें कांग्रेस से दगा करने का इनाम भाजपा ने नगर परिषद अध्यक्ष का पद देकर दिया। अमित अग्रवाल आखिरकार निर्विरोध तौर पर अध्यक्ष बनने में कामयाब हो गए। शुक्रवार को हुए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के निर्वाचन के अंतर्गत मतदान के पहले भाजपा की ओर से अमित अग्रवाल सोंटू को अध्यक्ष और रोशनी राजेन्द्र तिवारी को उपाध्यक्ष के तौर चुना गया हैं।