पिता बनकर बेटी की तरह अपनी बहू को आज करेंगे विदा - हादसे में हो गई थी बेटे की मौत
पिता बनकर बेटी की तरह अपनी बहू को आज करेंगे विदा - हादसे में हो गई थी बेटे की मौत
झौतेश्वर मवई निवासी सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर रविशंकर का बेटे की मौत के बाद बड़ा फैसला
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । जीवन-संघर्ष के पथ पर तमाम उहापोहों और बंधनों से ऊपर उठ कर सही समय, सही फस्ला करने वालों में झौंतेश्वर मवई निवासी सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर रविशंकर सोनी का भी नाम शुमार हो गया है। वे आज (गुरूवार) को सादे समारोह में अपनी विधवा बहू सरिता का पुनर्विवाह कराएंगे और एक बाबुल की तरह अपने घर से उसे विदा करेंगे।
दो महीने पहले हो गया था बेटे संजय का निधन
समाज के सामने एक नया आदर्श स्थापित करने जा रहे रविशंकर ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे संजय की शादी 2008 में करेली निवासी रामजी सोनी की बेटी सरिता से की थी, जिनकी 11 व 9 वर्षीय दो बेटियां हैं। बीते 25 सितंबर को बेटे संजय की बीमारी की वजह से मृत्यु हो गई। बेटे की असमय मौत का का दुख सोनी परिवार के लिए असहनीय था लेकिन दुख की इस घड़ी में भी पूरा परिवार अपनी बहू और उसके दोनों बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहा। संजय के माता-पिता नहीं चाहते कि दुखों का यह बोझ उनकी बह सरिता के जीवन में अभिशाप बना रहे। सो उन्होंने अपनी बहू और उसकी बेटियों की जिंदगी में खुशहाली लाने पुनर्विवाह कराने का निर्णय लिया। बहू के पिता-भाइयों से कोई लडक़ा खोजने कहा और स्वयं भी योग्य वर की खोज में जुट गए।
बेटे की पूरी संपत्ति की बहू के नाम
रविशंकर कहते हैं कि अपनी बहू सरिता को उन्होंने अपनी बेटी माना है। लिहाजा अपने बेटे की पूरी संपत्ति भी वे उसे दे देंगे। बेटे के नाम जो कार थी वह भी बहू के नाम करा दी है और बेटे की मौत के बाद मिली बीमा राशि बहू के नाम से जमा कर दी गई है। सारे गहने आदि भी बहू सरिता को ही दे दिए हैं।
खुशी है घर में दो-दो बेटियां आएंगी
जबलपुर निवासी राजेश सोनी कहते हैं कि जब यह रिश्ता हमारे सामने आया तो हमें भी खुशी हुई कि घर में दो बेटियां भी आएंगी। वे कहते हैं कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि दोनों बेटियों का अच्छी तरह से भरण-पोषण कर उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाते हुए एक पिता के दायित्व का निवर्हन करें।
जबलपुर के राजेश के साथ होगा विवाह
अंत में जबलपुर के समीप पिपरिया के रहने वाले राजेश सोनी उन्हें अपनी बहू के योग्य जीवनसाथी के रूप में जंचे। राजेश की पत्नी का निधन भी करीब 3 साल पहले सडक़ हादसे में हो गया था। उनकी कोई संतान नहीं है। परिवार में राजेश के अलावा दो भाई हैं लेकिन कोई बेटी नहीं हैं जिससे वह लोग भी बहू और उसकी दोनों बेटियों को अपनाने राजी हो गए।