औरंगाबाद के घृष्णेश्वर मंदिर के 112 करोड़ रुपए के विकास प्रारूप को मंजूरी 

औरंगाबाद के घृष्णेश्वर मंदिर के 112 करोड़ रुपए के विकास प्रारूप को मंजूरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-20 16:22 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद के खुलताबाद तहसील के वेरुल स्थित श्रीक्षेत्र घृष्णेश्वर मंदिर के 112 करोड़ 41 लाख रुपए के विकास प्रारूप को प्रशासकीय मंजूरी दी गई है। विकास प्रारूप को शिखर समिति की मंजूरी के बाद प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा। सोमवार को प्रदेश के वित्त व नियोजन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घृष्णेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है। इसलिए भक्तों और पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से विकास प्रारूप को मंजूरी दी गई है। मुनगंटीवार ने बताया कि विकास प्रारूप के काम दो चरणों में 31 मार्च 2020 तक पूरा करना है। विकास प्रारूप के कामों के लिए जरूरत के अनुसार सलाहकारों की नियुक्ति की जा सकेगी। विकास काम पूरा होने के बाद देखभाल का काम मंदिर के ट्रस्ट के माध्यम से किया जाएगा।

मुलुंड और ऐरोली टोलनाका पर नहीं होगी टोल वसूली  

मुंबई के मुलुंड और ऐरोली टोलनाका पर छोटे वाहनों से 23 सिंतबर तक टोल वसूली नहीं की जाएगी। सोमवार को प्रदेश के एमएसआरडीसी मंत्री एकनाथ शिंदे ने यह जानकारी दी। शिंदे ने बताया कि 21 अगस्त से टोल वसूली बंद कर दी जाएगी। इससे गणेश उत्सव के दौरान कोंकण की ओर जाने वाले लोगों को आसानी होगी। शिंदे ने कहा कि ठाणे में मुंब्रा बायपास का काम शुरू होने के कारण काफी ट्रैफिक हो रही थी।  इस कारण सरकार ने यह फैसला किया है। शिंदे ने कहा कि टोल वूसली रोके जाने की नुकसान भरपाई टोल वसूलने वाली कंपनी को बाद में दी जाएगी। 
 

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