चित्रकूट की गुप्त गोदावरी में खोजी गई एक और गुफा

सतना चित्रकूट की गुप्त गोदावरी में खोजी गई एक और गुफा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-24 09:34 GMT
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डिजिटल डेस्क,सतना। धर्मनगरी चित्रकूट के चारोधाम स्थलों में एक गुप्त गोदावरी में एक और गुफा का पता चला है। गुप्तगोदावरी की दो मुख्य गुफाओं से महज 300 मीटर के फासले पर स्थित यह गुफा सूखी है। थर पहाड़ पर स्थिति नई गुफा जमीन से 10 फीट की ऊंचाई पर लगभग 25 मीटर लंबी है। संकरी गुफा में मिट्टी भरी होने के कारण अंदर तक पहुंचने के लिए कई जगह लेट कर अंदर जाना होता है। एसडीएम पीएस त्रिपाठी स्वयं एक ग्रामीण लल्ला पांडेय की मदद से गुफा के अंदर तक गए।

पुरातत्व विभाग करेगा जांच

नगर पंचायत के वार्ड नंबर 25 (चौबेपुर) में स्थित गुफा के संबंध में एसडीएम ने वन विभाग के अलावा पुरातत्व विभाग को भी पत्र लिखे हैं। ताकि विशेषयों का दल स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर सके कि उसका पुरातात्विक एवं पर्यटन की दृष्टि से कितना महत्व है। माना जा रहा है कि यह गुफा भी गोदावरी की मुख्य गुफाओं का हिस्सा है। गुफा से एक किलोमीटर पर टेढ़ी पतमनिया गांव है। उल्लेखनीय है, इससे पहले गुप्त गोदावरी से 2 किलोमीटर दूर थर पहाड़  पर सड़क निर्माण के समय भी ऐसी ही गुफा का पता चला था कि लेकिन इस गुफा के विकास की बात वक्त के साथ ही बंद हो गई।

पौराणिक स्थल है गुप्त गोदावरी 

ऐसी मान्यता है कि मंदाकिनी नदी के रामघाट से 18 किलोमीटर की दूरी पर जिले के थर पहाड़ पर स्थित गुप्त गोदावरी का पौराणिक महत्व है। जन विश्वास है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने भार्या सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ वनवास का कुछ समय यहीं बिताया था। इस पवित्र स्थल पर दो गुफाएं। एक गुफा से जलधारा अविरल प्रभावित होती है। जिसका उद्गम गुफा के अंदर स्थित प्राकृतिक कुंड से है। गुफा की छत पर लाइम स्टोन के चिकने पत्थरों का कटाव धनुषाकार है। जलधारा संकरी गुफाओं की दीवारों के बीच से बहती है। दीवारों में कुर्सियों की कुदरती बनावट देखते ही बनती है। मान्यता है कि श्रीराम के वनवास काल के समय गोदावरी गुप्त रुप से पंचवटी से यहां आ गई थीं। गुफा के बाहर आकर यही  जलधारा रहस्यमयी अंदाज में लुप्त हो जाती है।

अभी भी टंगा है खटखटा चेार 

गुप्त गोदावरी की दूसरी गुफा यूं तो सूखी है। मगर इसके अंदर भी दो जलकुंड है। एक कुंड जिससे जलधारा का उद्गम है। और दूसरा कुंड सीता कुंड कहलाता है। मान्यता है कि सीता इसी कुंड में स्नान किया करती थी। कहा जाता है कि एक दिन स्नान के समय मयंक नामक दानव ने वस्त्र चुराने की कोशिश की तो कुद्ध लक्ष्मण ने बाण का एक संधान कर उसे उल्टा टांग दिया था। गुफा की छत के एक हिस्से में टंगे इस पत्थर को स्थानीय जन खटखटा चोर कहते हैं, क्योंकि छेडऩे पर यह पत्थर खटखट की आवाज करता है। 
 

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