गिरफ्तारी के खिलाफ दायर अनिल जयसिंघानी की याचिका खारिज
अमृता ब्लैकमेलिंग मामला गिरफ्तारी के खिलाफ दायर अनिल जयसिंघानी की याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को रिश्वत की पेशकश करने और ब्लैकमेल करने की कोशिश के मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली ‘बुकी’ अनिल जयसिंघानी की याचिका बांबे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में जयसिंघानी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। सोमवार को इस पर न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है। बता दें कि अमृता फडणवीस की ओर से दक्षिण मुंबई की मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में 20 मार्च को एफआईआर दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि अनिल जयसिंघानी ने अपनी बेटी अनिक्षा जयसिंघानी के जरिए खुद पर दर्ज मामलों में राहत पाने के लिए रिश्वत की पेशकश की और इनकार करने पर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। इसके लिए अनिक्षा ने कई ऑडियो-वीडियो तैयार किया था जिसके सहारे अमृता और उनके पति देवेंद्र फडणवीस को बदनाम कर कुर्सी से हटाने की धमकी दी गई थी। मामले में गिरफ्तार अनिक्षा को जमानत मिल गई है लेकिन गुजरात से पकड़े गए अनिल जयसिंघानी को अदालत ने राहत नहीं दी। अपनी याचिका में जयसिंघानी ने दावा किया था कि उसे गिरफ्तारी के बाद नियमों के मुताबिक 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया बल्कि इसमें 36 घंटे लगे। साथ ही याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता के पति जो राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं मामले से जुड़ी हर चीज पर नजर रख रहे हैं। राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि आरोपी की ओर से किया जा रहा दावा गलत है और मामले में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने जयसिंघानी की याचिका खारिज कर दी।