शौचालय निर्माण की राशि डकार गए अधिकारी, कलेक्टर के जांच आदेश को जिपं ने किया अनसुना

शौचालय निर्माण की राशि डकार गए अधिकारी, कलेक्टर के जांच आदेश को जिपं ने किया अनसुना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-13 07:23 GMT
शौचालय निर्माण की राशि डकार गए अधिकारी, कलेक्टर के जांच आदेश को जिपं ने किया अनसुना

डिजिटल डेस्क दमोह। जिपं में हो रही अनियमित्ताएं किसी से छिपी हुई नहीं है और सबसे अधिक मामले स्वच्छ भारत अभियान के तहत सामने आ रहे है। इसमें अनेक प्रकार की अनियमित्ताएं, भ्रष्टाचार एवं कागजो में शौचालय बनाकर उनका सत्यापन करने के उपरांत भुगतान तक किए जाने के मामले प्रकाश में आ रहे है और इन मामलो पर शिकायते होने तथा समाचार पत्रों में प्रकाशन उपरांत कलेक्टर द्वारा जांच के निर्देश दिए जाने के बाद भी ढाई महीने तक कलेक्टर का पत्र फाइलों की शोभा बढ़ाता रहा और संबंधित पंचायतों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकी।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत सेमरा लोधी, चिरोला, खिरिया शंकर, केवलारी ग्राम पंचायतों में शौचालयों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई थी  लेकिन इन शौचालयों का निर्माण कागाजो में ही कर दिया। इस बात की दस्तावेजी शिकायत एवं समाचार पत्र में प्रकाशित होने पर कि बिना बनाए हुआ शौचालयों का भुगतान तक कर दिया गया।
कलेक्टर ने लिखा था एसडीएम को पत्र
जपं पथरिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरा लोधी, सतपारा, चिरोला, खिरिया शंकर तथा केवलारी ग्राम पंचायतों में फर्जी तरीके से शौचालयों का घर बैठे सत्यापन कर देनें और उसकी राशि आहरित कर दिए जाने पर जांच हेतु कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने एसडीएम पथरिया सतीश साहू को जिपं की स्वच्छ भारत  मिशन शाखा के माध्यम से पत्र क्रमांक स्थापना/ स्वच्छ भारत मिशन/ जिपं/2017/ 5313 दमोह दिनांक 26 सितम्बर 2017 की दिनांक डालकर कलेक्टर के हस्ताक्षर कराकर पत्र बनवाया गया था और जिसे एसडीएम पथरिया को भेजकर जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए।
एक महीने तक हस्ताक्षर के बाद रखा रहा पत्र
यहां पर यह महत्वपूर्ण है कि एसडीएम को कलेक्टर द्वारा पत्र लिखने के बाद जिपं के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा एसडीएम पथरिया को पत्र क्रमांक/निल/स्व.भारत मिशन/जिपं/2017/5969 दमोह दिनांक 13 सितम्बर 2017 को कार्रवाई करने हेतु लिखा था लेकिन यह पत्र 13 अक्टूबर को जारी हो सका। एक महीने तक जिपं सीईओ का पत्र स्वच्छ भारत मिशन की फाइलों की शोभा बढ़ाता रहा और फिर ओर तो ओर इस पत्र को 7 नवम्बर को भेजे जाने की बात सामने आई है।
इनका कहना है
इस संबंध में आपके द्वारा अवगत कराया गया है कि पत्र एक महीनें तक हस्ताक्षर के उपरांत क्यो रखा रहा और संबंधित अधिकारी से इस मामले में शीघ्र ही जांच रिपोर्ट देने की बात कहीं जाएगी।
एचएस मीणा सीईओ, जिपं दमोह

 

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