अपने खाते के साथ माताओं के एकाउण्ट में भी डलवाए दो करोड़ से ज्यादा

संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा, घोटालेबाज बाबू का नहीं लग पाया सुराग अपने खाते के साथ माताओं के एकाउण्ट में भी डलवाए दो करोड़ से ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-21 08:37 GMT
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डिजिटल डेस्क,सिवनी। राहत राशि के नाम पर 279 जिंदा लोगों को मृत बताकर केवलारी तहसील में पदस्थ बाबू सचिन दहायत द्वारा किए गए 11.16 करोड़ रूपए के सनसनीखेज घोटाले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस घोटाले के तार जहां कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषालय (ट्रेजरी) से जुड़े हैं, वहीं केवलारी पुलिस द्वारा दो संदिग्धों से की गई पूछताछ व छानबीन में सामने आया है कि उनके खाते में 2 करोड़ रूपए से ज्यादा डाले गए हैं। इतना ही नहीं इन दोनों संदिग्धों की माताओं के बैंक एकाउण्ट में भी बड़ी राशि पहुंचाई गई है। पुलिस ने दोनों संदिग्धों व उनकी माताओं के बैंक एकाउण्ट की डिटेल निकलवाई है। एक संदिग्ध के खाते में 1 करोड़ रूपए जबकि दूसरे के खाते में 1 करोड़ 24 लाख रूपए डाले गए हैं।

केवलारी एसडीओपी भगत सिंह गठोरिया से संपर्क किए जाने पर उनका कहना था कि दोनों के एकाउण्ट में दर्जनों बार पैसा डाला गया है। ट्रांजेक्शन की सौ से डेढ़ सौ पेज की डिटेल निकालकर उनकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि यूपीआई, गूगल-पे, फोन-पे के माध्यम से भी एक खाते से दूसरे खाते में रूपए पहुंचाए गए हैं। एसडीओपी श्री गठोरिया के अनुसार मामले की जांच केवलारी टीआई किशोर बावनकर से कराई जा रही है। इसमें कान्हीवाड़ा व खैरापलारी चौकी प्रभारी को भी लगाया गया है। गौरतलब है कि इस घोटाले का पर्दाफाश केवलारी एसडीएम अमित सिंह, तहसीलदार हरीश लावलानी, नायब तहसीलदार इमरान खान मंसूरी ने करते हुए पूरे मामले से कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग को अवगत कराया था, जिसके बाद 15 नवंबर को केलवारी थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

बाबू सहित दो अन्य की तलाश

इस घोटाले में रविवार को भी फरार बाबू सचिन दहायत का सुराग नहीं लग पाया। मामला उजागर होने की भनक लगते ही वह फरार हो गया था। पुलिस की मानें तो उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। वहीं पुलिस दो अन्य संदिग्धों को भी तलाश रही है। इन दोनों की भी घोटाले में भूमिका बताई जा रही है, जो घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद से गायब बताए जा रहे हैं। इधर, सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले की फिलहाल जिस तरह से विवेचना चल रही है, उससे जांच व घोटाले के तार जोडऩे में ही पुलिस को कई दिन लग जाएंगे। यदि एसपी द्वारा इस मामले की विवेचना में बड़ी टीम लगाई जाती है तो फिर परतें खुलने व आरोपियों की धरपकड़ में तेजी आ सकती है।

ट्रेजरी कर्मी के खाते में 26 बार डाले पैसे

जिंदा लोगों को मृत बताकर अंजाम दिए गए इस घोटाले के तार जिला कोषालय (ट्रेजरी) से भी सीधे जुड़ते नजर आ रहे हैं। कोषालय में पदस्थ एक क्लर्क के खाते में फरार बाबू द्वारा 7 लाख रूपए से ज्यादा डाले जाने की जानकारी सामने आई थी। अब उजागर हुआ है कि फरार बाबू द्वारा दो साल की अवधि में कुल 26 बार उक्त क्लर्क के खाते में राशि पहुंचाई गई, जो कि 7 लाख 26 हजार रूपए बताई जा रही है। इसमें अलग-अलग महीनों में 4 से 60 हजार रूपए तक एक बार में डाले गए हैं। पड़ताल की जा रही है कि केवलारी में पदस्थ आरोपी कलेक्ट्रेट स्थित ट्रेजरी के कर्मी को अपने निजी खाते से उसके निजी खाते में राशि ट्रांसफर क्यों करेगा।
 

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