31 घंटे बाद बाहर निकला कुएं के मलबे में दबा युवक - एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम के प्रयास सफल हुए
31 घंटे बाद बाहर निकला कुएं के मलबे में दबा युवक - एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम के प्रयास सफल हुए
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/ पांढुर्ना। ग्राम मालेगांव के समीप अपने ही खेत के कुएं में सोमवार की सुबह से मलबे में दबे किसान सुभाष रामनाथ पराडकर को करीब 31 घंटों बाद बाहर निकाला जा सका। छिंदवाड़ा से आई एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम की मदद से स्थानीय प्रशासन ने युवक को मलबे से निकालने में सफलता पाई। युवक को मलबे से बाहर निकालते ही चिकित्सकों ने उसका परीक्षण किया और एसडीएम व अन्य अधिकारियों से चर्चा के उपरांत उपचार के लिए उसे नागपुर रेफर कर दिया गया।कुआं सूख गया था और कृषक ने दो दिन पूर्व इसमें ब्लास्ट कराया था , ब्लास्ट से हुए मलबा को बाहर निकालने ही यह युवक कुएं के अंदर उतरा था । काम चल ही रहा था कि कुआं तीन तरफ से धसक गया और युवक इसी मलबे में फंस गया ।ग्रामीण जैसे जैसे मलबा निकालते रहे मलबा और धसकता रहा जिससे स्थिति विकट होती चली गई ।
एनडीआरएफ की टीम ने संभाला मोर्चा
सोमवार को दिनभर और रातभर चले राहत कार्य के बावजूद सुभाष के बाहर नही निकले जाने के चलते मंगलवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और युवक को कुएं के मलबे से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एनडीआरफ की 20 सदस्यीय टीम रेस्क्यू में जुटी रही। करीब 3.30 बजे युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ के अलावा डब्ल्यूसीएल की टीम ने भी मदद की। 31 घंटे तक चले घटनाक्रम के चलते कुएं के चारों ओर लोगों का हुजूम लगा रहा।
एक निर्णय से मिली सफलता
मलबे में दबे युवक को बाहर निकालने में हो रही देरी के चलते प्रशासनिक अधिकारी कुछ कह नही पा रहे थे। एनडीआरएफ की टीम रेक्स्यू में जुटी थी। यहां मौजूद चिकित्सक डॉ.मिलिंद गजभिए और डॉ.नीलेश धाड़से ने दोपहर करीब तीन बजे एसडीएम दीपक कुमार वैद्य, एसडीओपी आरके पेंद्रो व टीआई कंवलजीतसिंह रंधावा से युवक को खींचकर बाहर निकालने की बात कही। डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल युवक के पैर मलबे में दबे है, इस स्थिति में युवक को खींचकर बाहर निकाल सकते है। यदि हल्की इंजुरी भी होती है, तो उसका उपचार करा लेंगे। इस पर अधिकारियों ने परिजनों से बात कर निर्णय लिया और एनडीआरएफ की टीम को सावधानी से युवक को खींचने कहा। यह निर्णय काम कर गया और 3.30 बजे युवक को सुरक्षित कुएं के बाहर निकाल लिया गया।
उपचार के लिए नागपुर रेफर
युवक को कुएं से बाहर निकालते ही डॉक्टरों की टीम ने उसकी सुध लेते हुए उपचार शुरू कर दिया। डॉ.मिलिंद गजभिए के अनुसार लंबे समय तक एक जैसे खड़े रहने और दबे रहने के चलते युवक के पैरों में सुन्नपन और शरीर में कमजोरी आ गई। इसलिए अधिकारियों से चर्चा कर बिना देरी किए सघन उपचार के लिए उसे नागपुर रेफर कर दिया। युवक के साथ डॉ.राहुल तिवारी और मेडीकल टीम को भी साथ रवाना किया गया। युवक को शरीर पर हल्की चोटें आई। जबकि वह पूरी तरह सुरक्षित है। उपचार होते ही वह सामान्य स्थिति में आ जाएगा। सोमवार की सुबह से जारी रहे राहत कार्य के दौरान प्रशासन और पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग का अमला भी तैनात रहा।
लगातार धंस रहा था मलबा
कुएं के धंसने और सुभाष के मलबे में दबने के तुरंत बाद ही यहां राहत कार्य शुरू हो गया। प्रशासन और पुलिस की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य शुरू कर दिया। सोमवार की दोपहर करीब दो बजे सुभाष घुटने तक मलबा हटा दिया गया, पर एकाएक मलबा फिर धंस गया। जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि जैसे-जैसे मलबा निकालते रहे, वैसे-वैसे मलबा और धंसता रहा। मलबे में दबे सुभाष के आसपास की मिट्टी निकालने का काम जारी रहा, पर जैसे ही मजदूर आसपास की मिट्टी निकालते रहे, वैसे आसपास का मलबा धंसकर और जाम होते रहा। जिसके कारण युवक को निकालने में देरी होती रही। एनडीआरएफ के कमांडर गोपी गुप्ता के मार्गदर्शन में टीम ने कुएं में फंसे मलबे के अलावा कुएं के ढंहने की स्थिति को देखते हुए टीम ने पहले रेत के भरे बैग लगाकर सुरक्षा कवच तैयार कर लिया था, जिससे सावधानी से मलबे में फंसे युवक सुभाष को बाहर निकालने रेस्क्यू किया गया। टीम ने कुएं के अलावा आसपास के करीब दस फीट तक के हिस्से को अपने अंडर लेकर राहत कार्य पूरा किया।