अलीराजपुर जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता, अधिकारियों को सतत मानिटरिंग के निर्देश अवकाश दिवस एवं रविवार को भी उर्वरक विक्रय केन्द्र खुले रहेंगे
अलीराजपुर जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता, अधिकारियों को सतत मानिटरिंग के निर्देश अवकाश दिवस एवं रविवार को भी उर्वरक विक्रय केन्द्र खुले रहेंगे
डिजिटल डेस्क, अलिराजपुर। जिले में रबी सीजन में उर्वरक की कमी ना हो तथा किसानों को मांग के अनरूप उचित दामों पर उर्वरक की उपलब्धता हो इसके लिए प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किये है। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कई स्तर पर कदम उठाए गए है। शासन स्तर से भी जिले में उर्वरक की कमी ना हो इसके लिए उचित प्रबंध किये गए है। कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता के दिशा निर्देशन में संबंधित विभागीय अधिकारीगण लगातार मॉनिटरिंग करते हुए समस्त सोसायटियों, संस्थाओं पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करा रहे है। राजस्व अधिकारीगण भी नियमित रूप से उक्त सोसायटियों एवं उर्वरक विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए मांग के अनुरूप स्टॉक एवं निर्धारित दामों पर उर्वरक का विक्रय हो इसकी मॉनिटरिंग कर रहे है। कृषि विभाग के मैदानी अमलें द्वारा भी किसानों को उर्वरक उचित और निर्धारित दामों पर उपलब्ध हो इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। समस्त सोसायटियों, उर्वरक विक्रय केन्द्रों तथा लाइसेंसी उर्वरक विक्रेताओं को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गए है कि वे निर्धारित दामों पर ही उर्वरक का विक्रय करें। कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने उक्त निर्देशों की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए है। लाइसेंसी उर्वरक विक्रेताओं को निर्धारित तथा तय दामों पर ही उर्वरक का विक्रय करने के सख्त निर्देश दिए है। अधिकारियों को निर्देश दिए है कि यदि कोई भी लाइसेंसी उर्वरक विक्रेता निर्धारित दामों से अधिक दाम पर उर्वरक का विक्रय करते पाया जाता है तो संबंधित का लाइसेंस निरस्त करते हुए उचित वैधानिक कार्रवाई की जाए। किसानों को उर्वरक प्राप्ति के लिए परेशान नहीं होना पडे इसके लिए अवकाश दिवस एवं रविवार को भी उर्वरक विक्रय केन्द्र खुले रखने के निर्देश कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने दिए है। जिले में रबी सीजन 2020-21 के लिए कृषि विभाग के द्वारा 46 हजार 70 हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया, जिसमे गेंहू 25 हजार हेक्टेयर, चना 10 हजार हेक्टेयर, मक्का एवम अन्य 11 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरुद्ध उर्वरक 17 हजार 251 मेट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 23 नवंबर 2020 की स्थिति में जिले में उर्वरक की उपलब्धता इस प्रकार है। इसमें यूरिया का लक्ष्य 11 हजार मैट्रिक टन में से 3 हजार 50 मैट्रिक टन का भंडारण होकर एक हजार 805 मैट्रिक टन का वितरण किया गया तथा 1245 मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इसी प्रकार एसएसपी उर्वरक का लक्ष्य 5 हजार मेट्रिक टन में से 3 हजार 360 मैट्रिक टन का भंडारण होकर एक हजार 197 मेट्रिक टन एसएसपी का वितरण किया जाकर 2 हजार 163 मेट्रिक टन शेष उपलब्ध है। इसी प्रकार डीएपी का लक्ष्य 500 मेट्रिक टन, भंडारण 911 मैट्रिक टन, तथा वितरण 266 मैट्रिक टन होकर 645 मैट्रिक टन उपलब्ध है। एमओपी उर्वरक 51 मैट्रिक टन का लक्ष्य होकर 3 मेट्रिक टन का भंडारण तथा एक मैट्रिक टन का वितरण तथा 2 मेट्रिक टन उपलब्ध है। कॉम्प्लेक्स उर्वरक का लक्ष्य 700 मेट्रिक टन होकर 206 मैट्रिक टन का भंडारण किया जाकर 39 मैट्रिक टन का वितरण किया गया तथा 167 मैट्रिक टन उपलब्ध है। उक्त सम्बन्ध में उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग अलीराजपुर श्री केसी वास्कले ने बताया जिले में उर्वरक का वितरण 61 निजी विक्रेताओं एवं 26 सेवा सहकारी समितियों, जिला विपणन संघ जोबट एवं मालवाई केंद्र तथा मार्केटिंग सेवा सहकारी समिति जोबट के माध्यम से उर्वरक वितरण किया जा रहा है। समितियों से खाताधारक कृषकों को उनकी मांग अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। अन्य कृषक उर्वरक हेतु खेत की पावती एवं आधार कार्ड ले जाकर अपने क्षेत्र की सेवा सहकारी समितियों से नगद राशि जमा कर यूरिया प्राप्त कर सकते है। इसके अतिरिक्त जिला विपणन संघ एवं मार्केटिंग सेवा सहकारी समितियों से भी नगद में उर्वरक खरीद सकते है। श्री वास्कले ने बताया जिले में समस्त यूरिया उपलब्धता केंद्र अवकाश दिवस एवं रविवार को भी खुले रहेंगे। उन्होंने किसान भाई से आह्वान किया कि वे निर्धारित दरो पर ही उर्वरक क्रय करें।