हाता स्थित पूर्णा नदी के पास की गई कार्रवाई, जमकर चल रहा अवैध उत्खनन

माफिया को किस का डर हाता स्थित पूर्णा नदी के पास की गई कार्रवाई, जमकर चल रहा अवैध उत्खनन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-29 13:43 GMT
हाता स्थित पूर्णा नदी के पास की गई कार्रवाई, जमकर चल रहा अवैध उत्खनन

डिजिटल डेस्क, बालापुर। तहसील के हाता स्थित पूर्णा नदी की रेत घाट से बडी तादाद में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा  है। इसी तरह रेत का अवैध खणन कर  रेत की ढुलाई करने वाले 7 ट्रैक्टर को राजस्व विभाग और पुलिस ने गुरूवार सुबह संयुक्त कारवाई करते हुए रंगेहात पकड़ा। लेकिन यह कार्रवाई  बालापूर और तेल्हारा तहसील की सीमा पर किए  जाने से इस कार्रवाई के बारे में लोगों में अलग ही चर्चा हो रही है। तेल्हारा तहसील में नीलामी हुए रेत घाट की रायल्टी पर बालापुर तहसील के पूर्णा नदी की रेत घाटों पर से रेत का अवैध उत्खणन कर रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं। इस बारे में स्वाभिमानी के जिल्हाध्यक्ष गणेश खुमकर ने पिछले सप्ताह में ही जिलाधिकारी एवं बालापुर राजस्व विभाग से शिकायत की थी। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए  तहसिलदार सैय्यद ऐहसानोद्दीन ने नागरिकों द्वारा मिली जानकाvरी के आधार पर राजस्व विभाग के दस्ते को कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं उरल पुलिस स्टेशन के थानेदार  अनंत वडतकार भी दलबल के साथ रेत घाट पर पहुंच गए। इस दौरान दो दलों ने कार्रवाई करते हुए 7 ट्रैक्टर रंगेहाथ पकड लिए। यह सभी ट्रैक्टर उरल पुलिस थाने में लगाए गए है। 

इस संयुक्त कार्रवाई में पटवारी म्हस्के, सिपाही कांताराम तांबडे,  हेका हरिहर, ए.एस.आय.बचे, सिपाही सपकाल,  सिपाही बाभुलकर ने भी सहभाग लिया। रेत माफियाओं के खिलाफ कारवाई की मुहिम जारी रहेगी ऐसी जानकारी बालापुर तहसीलदार  सैय्यद एहेसानोद्दीन ने दी है। अलग अलग जगह पर कार्रवाई के लिए दलों का गठन किया गया है। फिलहाल की गई कार्रवाई के बारे में तेल्हारा और बालापुर राजस्व विभाग की ओर से जांच शुरू है। पकड़े गए ट्रैक्टर अगर दोषी पाएं जाते हैं तो कड़ी कारवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी भी तहसीलदार   सैय्यद एहेसानोद्दीन ने दी है। रेत माफिया के बारे में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था। जिसे संज्ञान लेते हुए यह कारवाई की गई है, ऐसी जानकारी  स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के जिलाध्यक्ष गणेश खुमकर  ने दी है। 

बालापूर तहसील के कुछ रेत  घाटों की नीलामी की गई तो कुछ रेत घाटों की नीलामी पर्यावरण विभाग की अनुमती न मिलने के कारण अभी तक नहीं हो पाई है। किंतू फिर भी ऐसे कई रेत घाटों से रेत का उत्खनन कर रेत माफीया रेत  की खुलेआम ढुलाई कर रहें है। तहसील में फिलहाल एक ट्रैक्टर रेती के दाम  ८ से १० हजार रुपये है। बालापूर  और  तेल्हारा तहसील की सीमा पर रेत तस्करी का अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है। जिस से सरकार का  करोड़ो रूपय का राजस्व डूब रहा है।

रेत माफियाओं को किस का भय?

रेत माफियों की दादागिरी बढ़ते ही जा रही है। इस के पीछे राजनेताओं हाथ होने की चर्चा है। कुछ रेत माफिया के राजनेताओं से गहरे ताल्लुकात है। राजनीति से जुड़े कुछ लोग भी इस धंदे में उतर गए है। जिस से कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कई बार टालमटोल होते दिखाई देती है। दुसरी ओर रेत माफिया सब कुछ मैनेज होने का दावा भी करते है। इस बारे में जिला प्रशासन की ओर से संज्ञान लेना आवश्यक बन गया है। 

 

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