अभ्यंकर ने कहा - सामाजिक भाईचारा बरकरार रखने काम हो

एट्रासिटी मामलोंं का जायज़ा अभ्यंकर ने कहा - सामाजिक भाईचारा बरकरार रखने काम हो

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-13 09:42 GMT
अभ्यंकर ने कहा - सामाजिक भाईचारा बरकरार रखने काम हो

डिजिटल डेस्क, वाशिम. समाज-समाज का भेदभाव मिटने पर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत अपराध नहीं होंगे । हम सभी भारतीय संविधान से एकत्रित बंधे हुए है, यह विचार सभी समाज में बसने चाहिए । सभी को समाज में सामाजिक भाईचारा बरकरार रहे, इस दृष्टि से काम करना चाहि, ऐसा प्रतिपादन राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष ज.मो. अभ्यंकर ने किया । शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय के वाकाटक सभागृह में श्री अभ्यंकर ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून अर्थात एट्रासिटी कानून के अंतर्गत जिले मंे घटी घटनाओं का जायज़ा आयोजित सभा में लेते हुए वे सम्बोधित कर रहे थे । सभा में आयोग के सदस्य आर.टी. शिंदे, के.आर. मेढे,  जिलाधिकारी शन्मुगराजन एस., जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह, समाज कल्याण के सहायक आयुक्त मारुति वाठ, मंगरुलपीर के उपविभागीय अधिकारी सखाराम मुले, स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक सोमनाथ जाधव, जिला सरकारी वकील व्यवहारे, वाशिम के तहसीलदार विजय सालवे व गुटविकास अधिकारी प्रमोद बदरखे प्रमुख रुप से उपस्थित थे । अभ्यंकर ने आगे कहा कि एट्रासिटी के प्रकरण में दोषसिध्दी का प्रमाण बढ़ना चाहिए । यह प्रमाण बढ़ाने के लिए पुलिस विभाग पहल करे । प्रकरण में आरोपी को सज़ा होने के लिए फरियादी और आरोपी में मिलीभगत ना हो, इसके लिए पुलसि विभाग प्राथमिक जांच रिपोर्ट से न्याय निर्णय होने तक ध्यान दें । इस कारण फरियादी को न्याय मिलने में मदद होंगी । जिले में अब तक 47 प्रकरणाें में आरोपियांे को सज़ा हुई है । फरियादी के साथ घटे अपराध को लेकर वह नियमित ड़टा रहे, इसे लेकर उसमें विश्वास निर्माण करें, इससे उसे न्याय मिलने की बात भी उन्होंने कह । एट्रासिटी प्रकरण के गवाहों मंे पुलिस द्वारा विश्वास निर्माण करना आवश्यक होने की बात कहते हुए अभ्यंकर ने बताया कि पुलिस का इस प्रकरण में युक्तिवाद महत्वपूर्ण होता है । जिले में एट्रासिटी के अपराध न हो, इस हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यक्रम हाथ में लेने पर एट्रासिटी के प्रकरण और कम होंगे । एट्रासिटी कानून को लेकर जिले में व्यापक प्रमाण में जनजागृति किए जाने की बात भी उन्होंने कही । इस समय अभ्यंकर को प्राप्त हुए निवेदन आगे कि कार्रवाई के लिए सम्बंधित अधिकारियों को देकर इन पर कार्रवाई करने के निर्देश भी उन्होंने दिए । जिलाधिकारी शन्मुगराजन ने कहा कि जिले में एट्रासिटी कानून के अंतर्गत घटनेवाले अपराधों का प्रतिमाह जायज़ा लिया जाता है । सम्बंधित प्रकरण के आरोपियों को सज़ा मिलनी चाहिए, इस दृष्टि से आवश्यक कार्रवाई की जाती है । इस कानून को लेकर जिले में जनजागृति किए जाने की बात भी उन्होंने कही । एसपी बच्चन सिंह ने जिले में अब तक एट्रासिटी कानून के अंतर्गत घटे अपराधों की जानकारी देते हुए अब तक 47 आरोपियों को सज़ा होने की बात कही । श्री वाठ ने एट्रासिटी कानून के अंतंर्गत फरियादियों को आर्थिक स्वरुप में मदद किए जाने और निधि उपलब्ध होते ही शेष फरियादियों को मदद देने की बात कही ।

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