बिना अनुमति आदिवासी की जमीन सामान्य व्यक्ति ने खरीदी, 52 साल बाद  रजिस्ट्री निरस्त

 एसडीएम कोर्ट में चली लंबी सुनवाई  बिना अनुमति आदिवासी की जमीन सामान्य व्यक्ति ने खरीदी, 52 साल बाद  रजिस्ट्री निरस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-07 08:45 GMT
बिना अनुमति आदिवासी की जमीन सामान्य व्यक्ति ने खरीदी, 52 साल बाद  रजिस्ट्री निरस्त

डिजिटल डेस्क  छिंदवाड़ा। 52 साल पहले हुई रजिस्ट्री में गड़बड़ी पर बुधवार को एसडीएम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। रजिस्ट्री निरस्त करते हुए आदिवासी किसान को फिर से जमीन वापस करने के आदेश जारी किए गए हैं। मामला छिंदवाड़ा अनुविभाग के सोनारी मोहगांव का है। जहां इसके पहले भी कर्ज के बदले जमीन हड़पने से लेकर किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले सामने आते रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक 1969 में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के सोनारी मोहगांव निवासी आदिवासी किसान दमड़ी खडिय़ा की 8.781 हेक्टेयर जमीन  की रजिस्ट्री सालकराम पिता शोभाराम रघुवंशी के नाम पर कर दी गई। जबकि नियमों से स्पष्ट है कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति और शासकीय प्रक्रिया को पूर्ण किए बगैर किसी भी आदिवासी की जमीन की रजिस्ट्री जनरल कैटेगरी के व्यक्ति को नहीं की जा सकती। सालों पहले हुई इस गड़बड़ी का मामला छिंदवाड़ा अनुविभागीय कार्यालय में आया। लंबी सुनवाई के बाद बुधवार को एसडीएम अतुल सिंह ने फैसला सुनाते हुए विक्रय पत्र को खारिज कर रजिस्ट्री निरस्त कर दी है। धारा 170(ख) के तहत ये आदेश एसडीएम न्यायालय द्वारा जारी किए गए।
दो बार हुई रजिस्ट्री
जमीन के इस खेल में दो बार रजिस्ट्री हुई। बताया जा रहा है कि 1969 में सालकराम रघुवंशी के नाम पर रजिस्ट्री होने के बाद सालकराम द्वारा ये जमीन बाद में 1975 में दयाराम रघुवंशी को बेच दी गई। एसडीएम द्वारा दोनों ही विक्रय पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
घर की रजिस्ट्री में भी यही खेल
खेत के साथ-साथ किसान दमड़ी के घर की रजिस्ट्री में भी यही फर्जीवाड़ा हुआ है। खसरा नंबर 273 पर रकबा 0.178 हेक्टेयर पर बने मकान की रजिस्ट्री भी श्रीराम रघुवंशी के नाम पर हुई। तब भी बिना आदिवासी की जमीन जनरल कैटेगरी के व्यक्ति के नाम करने पर कोई शासकीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
पहले भी उजागर हो चुका है मामला
छिंदवाड़ा अनुविभाग के ग्राम सोनारी मोहगांव में पहले भी ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। तकरीबन छह महीने पहले छिंदवाड़ा एसडीएम न्यायालय द्वारा कर्ज के बदले तीन किसानों की जमीन हड़पने के मामले में फैसला सुनाते हुए कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक जमीन की कीमत पीडि़त किसानों को देने के लिए निर्देश दिए हैं।
 

Tags:    

Similar News