32 हजार आवेदनों का नहीं हुआ निराकरण और बंद हो गई उज्जवला योजना, गरीब उपभोक्ता परेशान

32 हजार आवेदनों का नहीं हुआ निराकरण और बंद हो गई उज्जवला योजना, गरीब उपभोक्ता परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-30 12:30 GMT
32 हजार आवेदनों का नहीं हुआ निराकरण और बंद हो गई उज्जवला योजना, गरीब उपभोक्ता परेशान

डिजिटल डेस्क छतरपुर । गरीब वर्ग के घरों में गैस का कनेक्शन दिए जाने और महिलाओं को खाना बनाते समय धुएं से निजात दिलाने के लिए शुरु की गई उज्जवला योजना जुलाई-2020 से बंद है। जब से योजना शुरु हुई, तब से लेकर जुलाई माह तक गैस कनेक्शन के लिए 2 लाख 56 हजार 776 लोगों ने आवेदन दिया था, लेकिन 2 लाख 18 हजार 402 घरों तक ही गैस सिलेंडर पहुंचा। बाकी लोगों को अभी भी गैस कनेक्शन का इंतजार है। जिन लोगों को अभी तक कनेक्शन नहीं मिले हैं। उनमें से तीन हजार लोग ऐसे हैं, जिनके कनेक्शन के लिए सभी दस्तावेज सहीं हैं। उसके बाद भी उनको कनेक्शन नहीं मिल पाया है। 
जिले में 2.18 लाख परिवारों को मिला गैस कनेक्शन
उज्ज्जवला योजना के तहत जिले में 2 लाख 18 हजार 402 परिवारों को गैस का कनेक्शन दिया जा चुका है। ये बात अलग है कि जितने लोगों ने कनेक्शन लिया, उनमें से कई लोगों ने एक बार  से दूसरी बार रिफलिंग नहीं कराई है। और ऐसे लोग भी चूल्हे में ही खाना पका रहे हैं। 
3.56 लाख  कुल उपभोक्ता, इनमें से 1.38 लाख सामान्य
जिले में उज्जवला और नान उज्जवला के मिलाकर कुल 3 लाख 56 हजार गैस कनेक्शनधारी उपभोक्ता हैं। इनमें से एक लाख 38 हजार उपभोक्ता गैर उज्जवला योजना वाले हंै। जो नियमित रूप से गैस की रिफलिंग करा रहे हंै। इन उपभोक्ताओं को गैस रिफलिंग कराते समय सरकार से सब्सिडी भी मिलती है। 
आवेदनों में कमी से नहीं मिला योजना का लाभ
जिन 32 हजार उपभोक्ताओं को अभी तक उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिला है, उनमें से बहुत सारे आवेदनकर्ताओं को इसलिए कनेक्शन नहीं मिला क्योंकि उनके आवेदन में कमी थी या फिर आवेदन के साथ जो दस्तावेज चाहिए थे, वे नहीं थे। इसीलिए उनके आवेदनों पर विचार ही नहीं हुआ। समय पर आवेदनों का निराकरण न होने के लिए जितने जिम्मेदार उपभोक्ता हैं, उससे कहीं ज्यादा लापरवाह खाद्य विभाग के अधिकारी हैं जिन्होंने समय पर उपभोक्ताओं से दस्तावेजों की पूर्ति कराने में रुचि नहीं ली।
धुएं से आंख खराब करने पर मजबूर महिलाएं
उज्जवला योजना का लाभ न मिलने से जिले के हजारों घरों में महिलाएं अभी भी चूल्हे के धुएं मेंं ही खाना पकाने को मजबूर हैं। क्योंकि उनको अभी तक उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिल सका है। जुलाई माह से बंद उज्जवला योजना कब शुरु होगी या फिर जिन उपभोक्ताओं का आवेदन लंबित है, उनको कब तक योजना का लाभ मिलेगा। इस बारे में खाद्य विभाग के अधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हंै। अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर से ही योजना बंद है, जिसके चलते लंबित आवेदनों का भी निराकरण नहीं हो पा रहा है।
 

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