2,248 पथविक्रेताओं को मिला पीएम स्वनिधि का आधार

वाशिम 2,248 पथविक्रेताओं को मिला पीएम स्वनिधि का आधार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-25 10:48 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, वाशिम। वैश्विक महामारी कोरोना का संसर्ग मार्च 2020 में चहुंओर फैलने की शुरुआत हुई थी । इस महामारी के कारण होनेवाली जनहानि टालने के लिए लाॅकडाउन किया गया । कोरोना चहुंओर फैलने के कारण लागू किए गए लाॅकडाउन में शहरवासियों को आर्थिक परिस्थिति के अनुसर सस्ते दर पर वस्तू और सेवाएं उपलब्धता करवानेवाले पथ विक्रेताओं की उपजीविका पर विपरित परिणाम हुआ । जो कुछ भी जमापुंजी उनके पास थी वह भी लाॅकडाउन के कारण नहीं बची । ऐसे पथविक्रेताओं को व्यवसाय पुन: शुरु करने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री पथविक्रेता आत्मनिर्भर निधि में से पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से जमापुंजी की तत्काल आपूर्ति की गई । जिले की छह नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्राें के 2248 पथविक्रेताओं को इस योजना से प्रत्येकी 10 हज़ार रुपए दिए गए है । इस कारण यह पथविक्रेता पुन: अपना व्यवसाय शुरु कर सकेंगे । शहरी क्षेत्र में इन पथविक्रेताओं के माध्यम से सब्जीया, फल, तैयार खाद्यपदार्थ, चाय, भजीए, पाव, अंड़े, कपड़े, वस्त्र, चप्पल, कारिगरों से उत्पादित वस्तू, किताबें, स्टेशनरी तथा सलुन दुकानें, चर्मकार, पानठेले, कपडे धाने और कपडे प्रेस करनेवाले व्यावसायियों का इसमें समावेश था । 

 3,031 मिले थे आवेदन

ऐसे व्यावसायियों को उक्त योजना के अंतर्गत प्रत्येकी 10 हज़ार रुपए तक जमापुंजी कर्ज उपलब्ध करवाया गया । यह 10 हज़ार रुपये कर्ज नियमित रुप से लौटाने के लिए इन पथ विक्रेताओं को प्रोत्साहित किया गया । पीएम स्वनिधि योजना का जिले की वाशिम, रिसोड़, मंगरुलपीर, कारंजा, मानोरा आैर मालेगांव इन नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्राें के 2680 पथविक्रेताओं को लाभ देने का लक्ष्य दिया गया था । इस योजना का लाभ लेने हेतु लगभग 3031 आवेदन आनलाईन पद्धति से सम्बंधित नगरपालिका / नगरपंचायत को प्राप्त हुए । प्राप्त आवेदनों की जांच कर 2495 आवेदन मंजूर किए गए । 16 अप्रैल 2022 तक 2248 पथविक्रेताओं को प्रत्येकी 10 हज़ार रुपए का जमापुंजी कर्ज पीएम स्वनिधि योजना से दिया गया जिसमें वाशिम के 520, रिसोड़ के 590, मंगरुलपीर के 367, कारंजा के 536, मालेगांव के 139 तथा मानोरा नगर पंचायत क्षेत्र के 108 पथ विक्रेताओं का समावेश है । जिले का यह प्रतिशत 84 प्रतिशत है । कर्ज की नियमित अदायगी करने तथा डिजिटल व्यवहार के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया गया । इस कारण कोरोना काल में पथविक्रेता के रुप में साहित्य औश्र वस्तू की बिक्री कर अपने परिवार का गुज़रबसर करनेवाले इन छोटे व्यावसायियों को पीएम स्वनिधि योजना के कारण भारी दिलासा मिला है ।
 

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