15 लाख 23 हजार बिजली उपभोक्ताओं ने कभी नहीं जमा किया बिल

विधानसभा 15 लाख 23 हजार बिजली उपभोक्ताओं ने कभी नहीं जमा किया बिल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-14 15:51 GMT
15 लाख 23 हजार बिजली उपभोक्ताओं ने कभी नहीं जमा किया बिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में 15 लाख 23 हजार 426 ऐसे बिजली ग्राहक हैं जिन्होंने कभी बिल नहीं भरा है। कई लोगों के बिल 8-8 साल से बकाया हैं। इससे उन लोगों पर गलत प्रभाव पड़ता है जो लगातार बिजली का बिल भर रहे हैं। इसके बावजूद इनकी बिजली नहीं काटी जा रही बल्कि उनसे चालू बिल भरने की अपील की जा रही है। कृषि बिल का बकाया 48 हजार 689 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। अगर मौजूदा बिल भी नहीं वसूला जाएगा तो विभाग कैसे चलेगा। नियम 293 पर चर्चा के दौरान किसानों की बिजली काटे जाने के आरोपों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह बात कही। 

फडणवीस ने कहा कि हमें कुछ कदम उठाने पड़ेंगे इसके बिना काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने दिन में किसानों को बिजली देने का मुद्दा उठाया था लेकिन दिन में लोड ज्यादा होता है इसलिए 50 फीसदी बिजली दिन में और 50 फीसदी रात में देने की सरकार की नीति है। दिन में खरीदी गई बिजली की कीमत 7 रुपए होती है लेकिन सरकार इसे किसानों को डेढ़ रुपए में देती है। फिर सब्सिडी के लिए उद्योगों पर भार डाला जाता है लेकिन अब उद्योगों की सीमा खत्म हो गई है। 

सफल साबित हो रही सोलर फीडर योजना 

उन्होंने कहा कि साल 2017 में शुरू की गई सोलर फीडर योजना सफल साबित हो रही है। पहला फीडर अन्ना हजारे के गांव रालेगणसिद्धी में लगाया गया जो सफल रहा है। इससे किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। सौर उर्जा 3 रुपए 40 पैसे तक मिल रही है। इससे पैसे बच रहे हैं। अब तक राज्य में 217 ट्रांसफार्मर सौर ऊर्जा पर चल रहे हैं जिसका फायदा 90 हजार 275 ग्राहकों को मिल रहा है। इसमें निवेशक भी आगे आ रहे हैं। जमीन की समस्या है इसलिए किसानों से जमीन किराए पर ली जाएगी।

वैनगंगा, नलगंगा परियोजना से बदलेगी विदर्भ की किस्मत

फडणवीस ने कहा कि वैनगंगा, नलगंगा परियोजना के जरिए 3 लाख 71 हजार 277 हेक्टेयर क्षेत्र को फायदा होगा। इसके जरिए 62 टीएमसी पानी उपलब्ध होगा जिसमें से नागपुर 92 हजार, वर्धा 56 हजार, अमरावती 83 हजार, यवतमाल 16 हजार, अकोला 84 हजार, बुलढाणा को 38 हजार लीटर पानी मिलेगा और अब वाशिम को भी इससे जोड़ दिया गया है और उसे भी बड़ा फायदा होगा। इस योजना से विदर्भ के सूखाग्रस्त इलाकों को बड़ी राहत मिलेगी। 

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